आजमगढ़। एक तरफ सरकार ग्रामीणांचल में बसने वाले युवाओं के खेल भावना को आगे बढ़ाने पर जोर दे रही। इसके तहत गांवों में मिनी स्टेडियम का निर्माण है। मगर जिले से भेजे गए एक दर्जन से ज्यादा प्रस्ताव शासन में लंबित पड़े हैं। इससे योजना सफल नहीं हो पा रही है। वहीं, निर्माणाधीन लालगंज विकास खंड के च्यूटहरा गांव में मिनी स्टेडियम का कार्य ठप है। जिससे खेल प्रेमियों में नाराजगी है।
जिले के लालगंज विकास खंड के श्रीकांतपुर और तरवां विकास खंड के चिल्लूपुर गांव में 43 लाख रुपए की लागत से मिनी स्टेडियम का निर्माण करवाया गया है। जबकि लालगंज ब्लाक के च्यूटहरा गांव में मिनी स्टेडियम के निर्माण के लिए शासन से 43 लाख रुपए धन स्वीकृत हुए थे। धन मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ।
लेकिन आधे पर ही रोक दिया गया। ग्रामीणों ने जब इसका कारण पूछा तो संबंधित ठेकेदार कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। निर्माण कार्य ठप होने से जहां खेल प्रेमियों की भावना आहत हो रही। वहीं सरकारी धन का दुरुपयोग भी हो रहा। दूसरी तरफ, संबंधित विभाग का मानना है कि ग्राम्यांचल में रहने वाले खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के लिए सरकार बार-बार जोर दे रही। मगर भेजे गए प्रस्तावों पर कोई ध्यान नहीं दिया। जिला युवा कल्याण अधिकारी एवं प्रांतीय विकास दल अधिकारी कुमारी सुभाषिनी की मानें तो मिनी स्टेडियम के निर्माण के लिए मेहनगर ब्लाक के घिनहापुर, गंभीरवन, तरवां ब्लाक के तिलखरा, अमुआरी, मार्टिनगंज ब्लाक के सुरहन, पल्हना ब्लाक के करसड़ा सहित लगभग एक दर्जन से अधिक गांवों का प्रस्ताव भेजा गया। लेकिन सुनवाई न होने की वजह से मामला अधर में अटका पड़ा है।
आजमगढ़। एक तरफ सरकार ग्रामीणांचल में बसने वाले युवाओं के खेल भावना को आगे बढ़ाने पर जोर दे रही। इसके तहत गांवों में मिनी स्टेडियम का निर्माण है। मगर जिले से भेजे गए एक दर्जन से ज्यादा प्रस्ताव शासन में लंबित पड़े हैं। इससे योजना सफल नहीं हो पा रही है। वहीं, निर्माणाधीन लालगंज विकास खंड के च्यूटहरा गांव में मिनी स्टेडियम का कार्य ठप है। जिससे खेल प्रेमियों में नाराजगी है।
जिले के लालगंज विकास खंड के श्रीकांतपुर और तरवां विकास खंड के चिल्लूपुर गांव में 43 लाख रुपए की लागत से मिनी स्टेडियम का निर्माण करवाया गया है। जबकि लालगंज ब्लाक के च्यूटहरा गांव में मिनी स्टेडियम के निर्माण के लिए शासन से 43 लाख रुपए धन स्वीकृत हुए थे। धन मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ।
लेकिन आधे पर ही रोक दिया गया। ग्रामीणों ने जब इसका कारण पूछा तो संबंधित ठेकेदार कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। निर्माण कार्य ठप होने से जहां खेल प्रेमियों की भावना आहत हो रही। वहीं सरकारी धन का दुरुपयोग भी हो रहा। दूसरी तरफ, संबंधित विभाग का मानना है कि ग्राम्यांचल में रहने वाले खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के लिए सरकार बार-बार जोर दे रही। मगर भेजे गए प्रस्तावों पर कोई ध्यान नहीं दिया। जिला युवा कल्याण अधिकारी एवं प्रांतीय विकास दल अधिकारी कुमारी सुभाषिनी की मानें तो मिनी स्टेडियम के निर्माण के लिए मेहनगर ब्लाक के घिनहापुर, गंभीरवन, तरवां ब्लाक के तिलखरा, अमुआरी, मार्टिनगंज ब्लाक के सुरहन, पल्हना ब्लाक के करसड़ा सहित लगभग एक दर्जन से अधिक गांवों का प्रस्ताव भेजा गया। लेकिन सुनवाई न होने की वजह से मामला अधर में अटका पड़ा है।