आजमगढ़। जिले में घटतौली का मामला तो प्रकाश में नहीं आया है, लेकिन बोरे के अभाव में अभी भी किसान मारे-मारे जरुर फिर रहें है।इसके चलते बनाए गए 64 पीसीएफ के केंद्रों पर ताला लगा हुआ है। इसका परिणाम है कि गेहूं बेचने वाले किसान क्रय केंद्र का चक्कर लगाकर मायूश घर लौट जा रहें। शायद यही कारण है कि जिले में अभी तक लगभग 24 हजार एमटी गेहूं ही खरीद की जा सकी है।
जिले में गेहूं की खरीददारी के लिए कुल 93 विभिन्न एजेंसियों के क्रय केंद्र खोले गए हैं। इनमें से सर्वाधित पीसीएफ के 64 क्रयकेंद्र है। इन केंद्रों से कुल 10012 एमटी गेहूं की खरीद करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसके अलावा विपणन शाखा की तरफ से 17 केंद्र स्थापित है, इनका लक्ष्य 26347 एमटी है, इसीक्रम में यूपी एग्रो के आठ केंद्रों के लिए 4215 एमटी का तथा नेफेट के दो केंद्रों पर 3262 एमटी का लक्ष्य, कर्मचारी कल्याण निगम के 2 केंद्रों के लिए 1054 का लक्ष्य निर्धारित है। इसमें से अन्य पर तो मामला ठीक है। लेकिन पीसीएफ के केंद्रों पर बोरे की कमी की मार पड़ी है। एक अप्रैल से खोले गए केंद्रों में से पीसीएफ के क्रय केंद्र पर लक्ष्य के सापेक्ष्य काफी कम खरीदारी हो सकी। विभाग की माने तो कम खरीदारी के पीछे बोरे की कमी होना बता रहें है। विभागीय अधिकारी अशोक कुमार की माने तो बोरे के लिए उनके स्तर से कई बार रिमाइंडर भेजने की कवायद की जा चुकी है। लेकिन बोरा उपलब्ध नहीं हो सका। इसका परिणाम है कि 64 पीसीएफ केंद्रों पर खरीददारी प्रभावित है। क्षेत्रीय किसानों की मानें तो पिछले डेढ़ सप्ताह से बोरे के लिए उन्हें दौड़ाया जा रहा। संभागिय खाद्य नियंत्रक अशोक कुमार के अनुसार जैसे ही बोरे की डिमांड पूरी होगी वे लक्ष्य को पूरा कर लेगें। मजेदार बात तो यह भी है कि अशोक कुमार जी को यह भी नहीं पता था कि पीसीएफ के 64 केद्रों पर लक्ष्य के सापेक्ष कितने एमटी गेंहू की खरीद की गई है।
इस संबंध मेें जिलाधिकारी प्रांजल यादव ने बताया कि बोरे की समस्या पूरे प्रदेश में है। ऐसे में किसानों को बोरे के साथ अनाज लेकर आने का आग्रह किया गया है। तालाबंदी तो नहीं है,लेकिन कार्य प्रभावित हो रहा है। साथ ही उन्होंने इसमेें विभागीय लापरवाही की बात भी स्वीकार की है।