कटानी बाजार। महाराजगंज स्थित भैरो बाबा के स्थान पर शनिवार से लगने वाले मेले की तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। दूर-दराज से आए दुकानदारों ने अपनी दुकानें सजा दी हैं। मेले में सर्कस, थियेटर और मौत का कुंआ लोगों के आकर्षण केंद्र है। वहीं, पुलिस प्रशासन भी मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए पूरी तरह सतर्क है।
महाराजगंज विकास खंड स्थित प्रसिद्ध भैरव जी का स्थान है। पौराणिक कथा के अनुसार यहां प्रजापति दक्ष के यज्ञ में सती ने अपना शरीर भस्म कर लिया था। शंकर जी के गण वीरभद्र (काल भैरव) आदि ने यज्ञ का विध्वंस कर दिया तथा भैरव जी यहीं स्थापित हो गए। यहां प्रत्येक मंगलवार और पूर्णिमा को मेला लगता है। यह प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। भैरो बाबा के दर्शन करने से पहले लोग ऐतिहासिक पोखरे में स्नान-ध्यान करते हैं। मंदिर में पश्चिम तरफ हवन-कुंड है। मान्यता है कि यहां पार्वती हवन कुंड में कुंदी थीं और सती हो गईं। प्रतिवर्ष भैरो बाबा के स्थान पर गंगा दशहरा मेले का आयोजन होता है। इस बार गंगा दशहरा 31 मई को है। एक सप्ताह तक चलने वाले इस मेले में कानपुर, बुलंदशहर, बलिया सहित अन्य जिलों से आए दुकानदारों ने अपनी दुकानें लगा दी हैं। मेले में ट्रेन झुला, सर्कस, थियेटर और मौत का कुंआ लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। मेले को लेकर पुलिस प्रशासन भी सर्तक है। हर वर्ष बाबा के स्थान पर हजाराें श्रद्धालु आते हैं। प्रधान आशा देवी ने बताया कि मेले के मद्देनजर मंदिर के आसपास और मंदिर को साफ-सुथरा करा दिया गया है।
कटानी बाजार। महाराजगंज स्थित भैरो बाबा के स्थान पर शनिवार से लगने वाले मेले की तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। दूर-दराज से आए दुकानदारों ने अपनी दुकानें सजा दी हैं। मेले में सर्कस, थियेटर और मौत का कुंआ लोगों के आकर्षण केंद्र है। वहीं, पुलिस प्रशासन भी मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए पूरी तरह सतर्क है।
महाराजगंज विकास खंड स्थित प्रसिद्ध भैरव जी का स्थान है। पौराणिक कथा के अनुसार यहां प्रजापति दक्ष के यज्ञ में सती ने अपना शरीर भस्म कर लिया था। शंकर जी के गण वीरभद्र (काल भैरव) आदि ने यज्ञ का विध्वंस कर दिया तथा भैरव जी यहीं स्थापित हो गए। यहां प्रत्येक मंगलवार और पूर्णिमा को मेला लगता है। यह प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। भैरो बाबा के दर्शन करने से पहले लोग ऐतिहासिक पोखरे में स्नान-ध्यान करते हैं। मंदिर में पश्चिम तरफ हवन-कुंड है। मान्यता है कि यहां पार्वती हवन कुंड में कुंदी थीं और सती हो गईं। प्रतिवर्ष भैरो बाबा के स्थान पर गंगा दशहरा मेले का आयोजन होता है। इस बार गंगा दशहरा 31 मई को है। एक सप्ताह तक चलने वाले इस मेले में कानपुर, बुलंदशहर, बलिया सहित अन्य जिलों से आए दुकानदारों ने अपनी दुकानें लगा दी हैं। मेले में ट्रेन झुला, सर्कस, थियेटर और मौत का कुंआ लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। मेले को लेकर पुलिस प्रशासन भी सर्तक है। हर वर्ष बाबा के स्थान पर हजाराें श्रद्धालु आते हैं। प्रधान आशा देवी ने बताया कि मेले के मद्देनजर मंदिर के आसपास और मंदिर को साफ-सुथरा करा दिया गया है।