बिलरियागंज। बिलरियागंज ब्लाक के मुहम्मदपुर गांव में मंगलवार की रात मुशायरे का आयोजन किया गया। इसमें देश के कोने-कोने से आए शायरों ने अपनी नज्मों की फूहार से पूरी रात श्रोताओं को भिंगोते रहे।
मुशायरे की शुरुआत बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री वसीम अहमद और दीदारगंज क्षेत्र के विधायक आदिल शेख ने मोमबत्ती जलाकर किया। इसके बाद कारी मोहम्मद अनीस ने कलाम पढ़ा। शकील मुबारकपुरी ने मुशायरे को आगे बढ़ाते हुए ‘जो बिछाया है उसी जाल में फंस जाओगे, घर में अल्लाह की गर झूठी कसम खाओगे, सोच लो हाथ से जन्नत निकल जाएगी, अपने मां-बाप पे बेटे जो सितम ढाओगे’। इसी क्रम में मोहम्मद शहादत अलवी के गजल ने दिवानों को झकझोर दिया। वहीं मिर्जापुर से आईं पूनम श्रीवास्तव ने ‘न कश्ती में में रहता हूं न मैं साहिल पे रहती हूं, न जंगल में रहती हूं न मैं राहो में रहती हूं, ए नफरत केपुजारी मुझे कैद कर नहीं सकते मुहब्बत नाम है मेरा मैं सबके दिल में रहती हूं’। हास्य रस के कवि रफीक गड़बड़ बनकटी ने अपनी रचनाआें से लोगों को लोटपोट कर दिया। वहीं निकहत अमरोही ने ‘खुशी से ख्वाब के ताबीर के सांचे में ढाला है, मैं वो बेटी हूं जिससे मां के आंगन में उजाला है’ सुनाया। इसी प्रकार खुर्जा से आईं पूनम अदा ने अपनी शायरी से खूब वाहवाही लूटी। इसी क्रम में मुशायरे में मैकश आजमी, एसएस पाठक , नाजिया सेहरी, नगमा, इम्तेयाज शाकिब, खबीर, अल्ताफ जिया ने भी अपने नज्मों की फुहार से श्रोताओं को भींगोते रहे। इस मौके पर अब्दुल मन्नान, नूरआलम, प्रमोद यादव, राजेश पासवान, इसरार प्रधान, शफकत शमसाद, राशिकद राही, तारिक अंसारी बाराबंकी आदि मौजूद थे।