आजमगढ़। पीली मिट्टी खनन को परमिट के लिए तय राशि से कम जमाकर उत्खनन करने का एक मामला सोमवार को प्रकाश में आया। सगड़ी तहसील के महराजगंज थाना क्षेत्र से पीली मिट्टी उठाने का मामला खान अधिकारी गोरखपुर ने इंटरनेट के जरिए पकड़ा। मामला उजागर होने के बाद आनन-फानन में दस हजार रुपए जमा करवाते हुए एडीएम वित्त/राजस्व ने खनन लिपिक से स्पष्टीकरण मांगा है।
खान अधिकारी के मुताबिक पीली मिट्टी के परमिट के लिए ठेकेदार को 10800 रुपए जमा करना पड़ता है। लेकिन सगड़ी तहसील के महराजगंज थाना क्षेत्र से पीली मिट्टी उठाने के लिए परमिट लेने वाले अमरजीत सिंह नामक ठेकेदार ने महज 800 रुपए ही जमा किया है। इस बात की जानकारी होने पर सोमवार को खान अधिकारी गोरखपुर ने जिला प्रशासन से शिकायत की। मामला प्रकाश में आने के बाद हलाकान जिला प्रशासन द्वारा मंगलवार को दस हजार रुपए जमा करवा दिया गया।
बता दें कि सगड़ी तहसील क्षेत्र के देवरांचल में सफेद बालू खनिज संपदा के रूप में मिलती है। इसके लिए खनन माफियाओं के बीच अक्सर वर्चस्व की जंग भी छिड़ी रहती है। इसके चक्कर में कई मौत के घाट भी उतार दिए गए। शासन द्वारा सफेद बालू, पीली मिट्टी और मिट्टी खनन के लिए बाकाएदे परमिट जारी किया जाता है। कलेक्ट्रेट पटल पर स्थित खनन कार्यालय का प्रभार एडीएम वित्त/राजस्व के जिम्मे होता है। इन्हीं के जरिए परमिट भी जारी की जाती है। लेकिन परमिट जारी करते समय ठेकेदार और कर्मचारियों के मिली भगत से गोलमाल किया जाता है।
महज 800 रुपए में ही परमिट जारी किए जाने के संबंध में एडीएम वित्त/राजस्व जेके सिंह ने कहा कि खाते में 10 हजार रुपए और जमा करवाते हुए दोषी खनन लिपिक से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
डाक घर के खाते पैसे गायब होने का आरोप
आजमगढ़। पवई थाने के गालिबपुर गांव निवासी रमापति तिवारी पुत्र रामभुवाल तिवारी ने गालिबपुर डाक घर के खाते में जमा पैसा गायब होने का आरोप लगाते हुए प्रवर अधीक्षक से जांच कराए जाने की मांग की है। प्रवर अधीक्षक को दिए गए शिकायती पत्र के अनुसार रमापति तिवारी के नाम डाकघर गालिबपुर में बचत खाता है। उसने खाते में 2250 रुपए जमा किया था। उसके पास बुक में भी इतने रुपए दर्ज हैं। पिछले दिनों रमापति खाते से पैसे निकालने गया, तो पता चला की लेजर में मात्र सात सौ पचास रुपए ही जमा हैं। शेष पैसे गायब होने पर वह अवाक रह गया।