आजमगढ़। उत्तर प्रदेश जीपीएफ/पेंशन विहीन शिक्षक-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक-कर्मचारियों ने अपनी पुरानी जीपीएफ पेंशन लागू करने की मांग को लेकर मंगलवार को रिक्शा स्टैंड पर सामूहिक उपवास के साथ धरना दिया। बाद में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।
वक्ताआें ने कहा कि जब एक तरफ सरकार अपने वर्तमान/पूर्व सांसद, विधायक, मंत्रियों को न्यूनतम एक भी दिन के लिए विधायिका का सदस्य बनने पर उन्हें आजीवन भारी भरकम पेंशन/पारिवारिक पेंशन तथा अनेकों प्रकार के भत्ते और ढेरो सुविधाएं देकर उनके वृद्धावस्था जीवन को सुरक्षित करने में लगी है। तो एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक कर्मचारियों को जीपीएफ पेंशन से वंचित क्यों किया जा रहा। सरकार की इस अमानवीय नीति पर शिक्षक कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तो पूरे प्रदेश के शिक्षक-कर्मचारी लखनऊ की सड़कों पर मार्च करेंगे। धरने में चंद्रजीत यादव, रुद्रभारती, प्रेमनाथ, त्रिलोकी विवके सिंह, मु. जावेद, अजय द्विवेदी, सुभाष यादव, अजीत राय, मनोज त्रिपाठी, विरेंद्र कुमार मौर्य, आलोक राय, आलोक सिंह, त्रिपुरारी, राकेश मणि त्रिपाठी, राजनरायन, देवेंद्र सिंह, भारत भूषण त्रिपाठी, सूबेदार यादव, डा. राजेंद्र यादव, आलोक सिंह, विजेंद्र प्रताप, प्रणय सिंह, पारस यादव, ललित मोहन, राजकुमार, बृजेश राय, अभिमन्यु यादव, संजय राव, अंबरीश, कैलाश यादव, अनिल राय आदि उपस्थित थे।