आजमगढ़। अदालत के आदेश पर पैमाइश करने गए कमीशन के कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में अदालत ने पिता और उसके तीन पुत्रों को दोषी पाते हुए तीन-तीन माह कैद के साथ सौ-सौ रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। यह सजा अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्यामल मिश्र ने दी है। घटना दीदारगंज थाना के बनगांव गांव की है।
मुकदमे के अनुसार बनगांव गांव के निवासी और दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता कृपाशंकर यादव ने गांव के नामजद आरोपियों के विरुद्ध अदालत में परिवाद दाखिल किया था। अदालत में दिए गए प्रार्थना-पत्र के अनुसार आरोप है कि अधिवक्ता के परिवार और आरोपियों बीच जमीनी विवाद चल रहा था। इस मुकदमे में अदालत के आदेश पर अमीन प्रताप किशन, विवादित भूमि की पैमाइश करने मौके पर पहुंचे। इस सूचना पर दोनों पक्ष के लोग भी मौके पर आ गए। जरीब निकालकर अमीन ने जब मौके की पैमाइश करना चाहा तो आरोपियों ने आवेदक के पिता को जान से मारने की धमकी देते हुए भला-बुरा कहा और भयभीत कर अमीन को पैमाइश नहीं करने दिया। इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से परिवादी और अधिवक्ता कृपाशंकर यादव, राजेंद्र कुमार यादव और अदालत के अमीन प्रताप किशन को बतौर साक्षी पेश हुए और उनके बयान को रिकार्ड किया गया। अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष के तर्को को सुनने के बाद इस मामले के आरोपी रामराज पुत्र बरन यादव और उनके तीनों पुत्र राजबहादुर, लालबहादुर और विजय बहादुर पुत्रगण रामराज यादव को आईपीसी की धारा 186 के तहत दोषी पाते हुए उक्त सजा का निर्धारण किया।