मुबारकपुर। स्थानीय थाने के सिकठी गांव से रोजी-रोटी के लिए सऊदी अरब गए 24 वर्षीय अफरोज की मौत की खबर मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। परिजनों का रोते-रोते बुरा हाल हो गया।
सिकठी गांव निवासी कलामुद्दीन कपड़े की सिलाई कर परिवार का जीवकोपार्जन करता है। छह पुत्रों में दूसरे नंबर का अफरोज अहमद भी सिलाई का काम करता था। अफरोज आठ अप्रैल 2012 को जीवकोपार्जन के लिए सऊदी अरब चला गया। पता चला है कि रियाद शहर में काम करते हुए शनिवार को मामूली रूप से तबियत खराब होने पर दवा लेने के लिए जा रहा था। इस बीच रास्ते ही उसकी मौत हो गई। मौत की सूचना गांव पहुंचते ही परिजनों पर पहाड़ टूट पड़ा। मृतक की मां किताबुन्निसा रोते-रोते अचेत हो जा रही है। मौत की खबर जिसने भी सुनी वही कलामुद्दीन के दरवाजे की ओर चल पड़ा। शोक संतृप्त परिवार को सांत्वना देने वालों में प्रमुख रूप से महमूद अख्तर, हाजी मुहम्मद युनुस अंसारी, हुमायूं कबीर आदि जनप्रतिनिध, समाजसेवी शामिल रहे।