आजमगढ़। बार और बेंच का संबंध एक परिवार के दो सदस्यों की तरह होता है। बार जहां न्याय दिलाने का कार्य करता है। बेंच वहीं न्याय देने का कार्य करता है। इसलिए न्याय पालिका के लिए न्यायाधीश और अधिवक्ता दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। उक्त बातें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायमूर्ति सभाजीत यादव ने न्यायालय भवन के लोकार्पण के बाद कहे। वे शुक्रवार को दीवानी न्यायालय परिसर में बने न्यायालय भवन के लोकार्पण के बाद दीवानी न्यायालय अभिभाषक संघ भवन में अधिवक्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
प्रशासनिक न्यायमूर्ति श्री यादव ने न्यायिक अधिकारियों से निर्भिक होकर न्यायपालिका की गरिमा के तहत न्यायिक कार्य संपादित किए जाने पर बल दिया। कहा कि यदि सौहार्दपूर्ण वातावरण में काम नहीं होगा, तो यह कार्य माफिया और पुलिस के लोग करने लगेंगे। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका विधायिका और कार्यपालिका के कार्यों की समीक्षा का अधिकार रखती है। ऐसे में न्यायपालिका का महत्व और बढ़ जाता है। क्योंकि समाज का हर वर्ग न्यायपालिका को आशा भरी निगाह से देखता है। उन्होंने कहा कि न्याय पालिका और न्यायिक अधिकारियों के इसी तरह की शिकायत और समस्या के समाधान के लिए बार के लोग अलग से बैठकरख हमें भी बुलाएं। सारी समस्याओं के समाधान के लिए स्वतंत्र मन से चर्चा होगी। उन्होंने अधिवक्ताओं के बैठने के लिए चैंबर की व्यवस्था पर यथासंभव सहयोग का आश्वासन दिया। जनपद न्यायाधीश दीनानाथ ने अपने संबोधन में कहा कि हर समस्या के समाधान के लिए हम तत्पर हैं। हमारा चैंबर अधिवक्ताओं के लिए हमेशा खुला हुआ है। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व सांसद रामकृष्ण यादव, पूर्व अध्यक्ष शिवगोविंद यादव, एल्डर कमेटी के चेयरमैन रविंद्र नाथ सिंह, पूर्व मंत्री प्रभाकर सिंह, ओम प्रकाश मिश्र, पूर्व उपाध्यक्ष जनार्दन राय समेत अनेक वक्ताओं ने अपना विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष सच्चिदानंद राय और संचालन संघ के मंत्री जगदीश प्रसाद यादव ने किया।
आजमगढ़। बार और बेंच का संबंध एक परिवार के दो सदस्यों की तरह होता है। बार जहां न्याय दिलाने का कार्य करता है। बेंच वहीं न्याय देने का कार्य करता है। इसलिए न्याय पालिका के लिए न्यायाधीश और अधिवक्ता दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। उक्त बातें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायमूर्ति सभाजीत यादव ने न्यायालय भवन के लोकार्पण के बाद कहे। वे शुक्रवार को दीवानी न्यायालय परिसर में बने न्यायालय भवन के लोकार्पण के बाद दीवानी न्यायालय अभिभाषक संघ भवन में अधिवक्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
प्रशासनिक न्यायमूर्ति श्री यादव ने न्यायिक अधिकारियों से निर्भिक होकर न्यायपालिका की गरिमा के तहत न्यायिक कार्य संपादित किए जाने पर बल दिया। कहा कि यदि सौहार्दपूर्ण वातावरण में काम नहीं होगा, तो यह कार्य माफिया और पुलिस के लोग करने लगेंगे। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका विधायिका और कार्यपालिका के कार्यों की समीक्षा का अधिकार रखती है। ऐसे में न्यायपालिका का महत्व और बढ़ जाता है। क्योंकि समाज का हर वर्ग न्यायपालिका को आशा भरी निगाह से देखता है। उन्होंने कहा कि न्याय पालिका और न्यायिक अधिकारियों के इसी तरह की शिकायत और समस्या के समाधान के लिए बार के लोग अलग से बैठकरख हमें भी बुलाएं। सारी समस्याओं के समाधान के लिए स्वतंत्र मन से चर्चा होगी। उन्होंने अधिवक्ताओं के बैठने के लिए चैंबर की व्यवस्था पर यथासंभव सहयोग का आश्वासन दिया। जनपद न्यायाधीश दीनानाथ ने अपने संबोधन में कहा कि हर समस्या के समाधान के लिए हम तत्पर हैं। हमारा चैंबर अधिवक्ताओं के लिए हमेशा खुला हुआ है। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व सांसद रामकृष्ण यादव, पूर्व अध्यक्ष शिवगोविंद यादव, एल्डर कमेटी के चेयरमैन रविंद्र नाथ सिंह, पूर्व मंत्री प्रभाकर सिंह, ओम प्रकाश मिश्र, पूर्व उपाध्यक्ष जनार्दन राय समेत अनेक वक्ताओं ने अपना विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष सच्चिदानंद राय और संचालन संघ के मंत्री जगदीश प्रसाद यादव ने किया।