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पति की हत्या में महिला समेत पांच को उम्रकैद
Azamgarh
Updated Fri, 18 May 2012 12:00 PM IST
आजमगढ़। लगभग तीन वर्ष पूर्व तरवां थाना के बनगांव स्थित अपने ससुराल गए एक व्यक्ति की हत्या मामले में अदालत ने सास, ससुर पत्नी समेत पांच को दोषी पाते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। गुरुवार को यह सजा अपर सत्र न्यायाधीश लियाकत अली की कोर्ट से सुनाया गया। सजा पाने वालों में मृतक की सास, ससुर, पत्नी, साढ़ू और साली शामिल हैं।
बनगांव गांव में 11 मई 2009 को हुए इस कांड में ससुराल गए ज्ञानेंद्र सिंह पुत्र प्रेमशंकर सिंह को आरोपियों ने मौत के घाट उतारकर भूसे में गाड़ दिया था। मृतक के पिता प्रेमशंकर सिंह पुत्र अभयनरायन सिंह ने तरवां थाने में आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया था। मुकदमे में कहा था कि उसके लड़के की शादी वर्ष 2005 में तरवां थाना के बनगांव गांव निवासी अवधराज सिंह की पुत्री लक्ष्मिना के साथ हुई थी। शादी के बाद विवाहिता ससुराल और मायके आती-जाती रही। इसी दौरान उसे एक पुत्री पैदा हुई। घटना से पूर्व मृतक मुंबई अपने साढ़ू अरविंद के यहां गया था। जहां पैसे को लेकर विवाद हो गया। यह बात मुंबई से लौटने के बाद उसने बताई थी। ज्ञानेंद्र अपने ससुराल गया और वापस न लौटने पर घर वालों ने ससुराल वालों से पूछा तो पता चला कि ज्ञानेंद्र वापस चला गया है, जबकि वह घर वापस नहीं लौटा था। इस मामले में तरवां थाना पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर बनगांव गांव निवासी आरोपी अवधराज पुत्र लालबहादुर, यशोदा पत्नी लालबहादुर, लक्ष्मिना पत्नी स्व. ज्ञानेंद्र सिंह और तरवां थाना क्षेत्र के भंवरपुर गांव निवासी अरविंद सिंह पुत्र गजाधर और जलसा देवी पत्नी अरविंद के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। सत्र परीक्षण के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता पंचानन यादव और रेहान कैसर ने इस मुकदमे के वादी प्रेमशंकर समेत कुल सात गवाहों को अदालत में पेश किया और तर्कों को रखा। अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष के तर्को को सुनने के बाद नामजद पांचों आरोपियों को हत्या का दोषी पाते हुए उक्त सजा का निर्धारण किया।
आजमगढ़। लगभग तीन वर्ष पूर्व तरवां थाना के बनगांव स्थित अपने ससुराल गए एक व्यक्ति की हत्या मामले में अदालत ने सास, ससुर पत्नी समेत पांच को दोषी पाते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। गुरुवार को यह सजा अपर सत्र न्यायाधीश लियाकत अली की कोर्ट से सुनाया गया। सजा पाने वालों में मृतक की सास, ससुर, पत्नी, साढ़ू और साली शामिल हैं।
बनगांव गांव में 11 मई 2009 को हुए इस कांड में ससुराल गए ज्ञानेंद्र सिंह पुत्र प्रेमशंकर सिंह को आरोपियों ने मौत के घाट उतारकर भूसे में गाड़ दिया था। मृतक के पिता प्रेमशंकर सिंह पुत्र अभयनरायन सिंह ने तरवां थाने में आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया था। मुकदमे में कहा था कि उसके लड़के की शादी वर्ष 2005 में तरवां थाना के बनगांव गांव निवासी अवधराज सिंह की पुत्री लक्ष्मिना के साथ हुई थी। शादी के बाद विवाहिता ससुराल और मायके आती-जाती रही। इसी दौरान उसे एक पुत्री पैदा हुई। घटना से पूर्व मृतक मुंबई अपने साढ़ू अरविंद के यहां गया था। जहां पैसे को लेकर विवाद हो गया। यह बात मुंबई से लौटने के बाद उसने बताई थी। ज्ञानेंद्र अपने ससुराल गया और वापस न लौटने पर घर वालों ने ससुराल वालों से पूछा तो पता चला कि ज्ञानेंद्र वापस चला गया है, जबकि वह घर वापस नहीं लौटा था। इस मामले में तरवां थाना पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर बनगांव गांव निवासी आरोपी अवधराज पुत्र लालबहादुर, यशोदा पत्नी लालबहादुर, लक्ष्मिना पत्नी स्व. ज्ञानेंद्र सिंह और तरवां थाना क्षेत्र के भंवरपुर गांव निवासी अरविंद सिंह पुत्र गजाधर और जलसा देवी पत्नी अरविंद के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। सत्र परीक्षण के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता पंचानन यादव और रेहान कैसर ने इस मुकदमे के वादी प्रेमशंकर समेत कुल सात गवाहों को अदालत में पेश किया और तर्कों को रखा। अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष के तर्को को सुनने के बाद नामजद पांचों आरोपियों को हत्या का दोषी पाते हुए उक्त सजा का निर्धारण किया।