आजमगढ़। शहर की गड़बड़ हुई विद्युत व्यवस्था के प्रति सख्त रुख अख्तियार करते हुए सोमवार की रात जिलाधिकारी प्रांजल यादव ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को कैंप कार्यालय पर तलब किया। इस दौरान वे उनसे उनकी समस्याओं को जानने के बाद वे उसके दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं जिलाधिकारी ने अधिकारियों को सुधार के लिए एक सप्ताह का समय निर्धारित किया। एक सप्ताह में हुए कार्यो की स्वंय निरीक्षण कर सत्यापन करने को कहा। डीएम ने नौ शासन से नौ लाख की स्वीकृति कराने के साथ ही अधिकारियों को छह मोबाइल ट्राली बनवाने का निर्देश दिया। डीएम के कड़े रुख के चलते बिजली विभाग के अधिकारी हलाकान दिखे।
बता दें कि शहर में विद्युत लोड कुल 50 एमवीए है। पूरे शहर सहित आसपास के गांवों को सबस्टेशन सिधारी व हाफिजपुर बिजली सप्लाई की जाती है,लेकिन गर्मी और ओवरलोड के चलते ज्यादातर ट्रांसफार्मर जल जा रहे हैं। जिसे बदलवाने के लिए शहरवासियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। बिजली अधिकारियों के लापरवाही का परिणाम है कि मामूली खामियों को भी दूर करने में हफ्तों तक का समय लगा दे रहे हैं। उदासीनता का ही परिणाम है कि शहर के लोग सड़क पर उतर रहे हैं। बिजली दुर्व्यवस्थाओं से चहुओर मची चीख-पुकार से नाराज जिलाधिकारी ने मंगलवार को बिजली विभाग के अधिकारियों को तलब किया। निर्बाध विद्युत आपूर्ति के दौरान आने वाली खामियों आदि की जानकारी ली। डीएम न विद्युत अधिकारियों को चेताया कि शहर के जितने भी जर्जर तार हैं उसे दुरुस्त किया जाए
।, ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने के साथ ही साथ किसी भी शिकायत को निपटाने में प्रमुखता बरती जाए। उन्होंने चेताया कि एक सप्ताह के भीतर व्याप्त खामियों में सुधार नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि वे अपना ज्यादातर समय जनता की समस्याओं के निबटारे में बिताएं। इसके साथ ही विद्युत विभाग की सहुलियत के लिए छह ट्राली ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। प्रत्येक ट्राली ट्रांसफार्मर की लागत लगभग डेढ़ लाख रुपए होगी। इस अवसर पर अधिशासी अभियंता विद्युत प्रथम नरेंद्र प्रताप, ओपी राम, सुनील कुमार, एसडीओ टाउन अरविंद कुमार, उदय प्रताप, गौतम कुमार शर्मा, अमरनाथ मिश्र, एमझेड सिद्धीकी सहित विद्युत विभाग के अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
आजमगढ़। शहर की गड़बड़ हुई विद्युत व्यवस्था के प्रति सख्त रुख अख्तियार करते हुए सोमवार की रात जिलाधिकारी प्रांजल यादव ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को कैंप कार्यालय पर तलब किया। इस दौरान वे उनसे उनकी समस्याओं को जानने के बाद वे उसके दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं जिलाधिकारी ने अधिकारियों को सुधार के लिए एक सप्ताह का समय निर्धारित किया। एक सप्ताह में हुए कार्यो की स्वंय निरीक्षण कर सत्यापन करने को कहा। डीएम ने नौ शासन से नौ लाख की स्वीकृति कराने के साथ ही अधिकारियों को छह मोबाइल ट्राली बनवाने का निर्देश दिया। डीएम के कड़े रुख के चलते बिजली विभाग के अधिकारी हलाकान दिखे।
बता दें कि शहर में विद्युत लोड कुल 50 एमवीए है। पूरे शहर सहित आसपास के गांवों को सबस्टेशन सिधारी व हाफिजपुर बिजली सप्लाई की जाती है,लेकिन गर्मी और ओवरलोड के चलते ज्यादातर ट्रांसफार्मर जल जा रहे हैं। जिसे बदलवाने के लिए शहरवासियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। बिजली अधिकारियों के लापरवाही का परिणाम है कि मामूली खामियों को भी दूर करने में हफ्तों तक का समय लगा दे रहे हैं। उदासीनता का ही परिणाम है कि शहर के लोग सड़क पर उतर रहे हैं। बिजली दुर्व्यवस्थाओं से चहुओर मची चीख-पुकार से नाराज जिलाधिकारी ने मंगलवार को बिजली विभाग के अधिकारियों को तलब किया। निर्बाध विद्युत आपूर्ति के दौरान आने वाली खामियों आदि की जानकारी ली। डीएम न विद्युत अधिकारियों को चेताया कि शहर के जितने भी जर्जर तार हैं उसे दुरुस्त किया जाए
।, ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने के साथ ही साथ किसी भी शिकायत को निपटाने में प्रमुखता बरती जाए। उन्होंने चेताया कि एक सप्ताह के भीतर व्याप्त खामियों में सुधार नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि वे अपना ज्यादातर समय जनता की समस्याओं के निबटारे में बिताएं। इसके साथ ही विद्युत विभाग की सहुलियत के लिए छह ट्राली ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। प्रत्येक ट्राली ट्रांसफार्मर की लागत लगभग डेढ़ लाख रुपए होगी। इस अवसर पर अधिशासी अभियंता विद्युत प्रथम नरेंद्र प्रताप, ओपी राम, सुनील कुमार, एसडीओ टाउन अरविंद कुमार, उदय प्रताप, गौतम कुमार शर्मा, अमरनाथ मिश्र, एमझेड सिद्धीकी सहित विद्युत विभाग के अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।