आजमगढ़। सरकार द्वारा पीडि़तों की समस्याएं सुनने के लिए भले ही बार-बार अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया जाता हो, बावजूद इसके सीडीओ कार्यालय से प्रतिदिन आधा दर्जन से अधिक फरियादी बगैर साहब के मिले ही घंटों इंतजार के बाद लौट जाते हैं। यदि नसीब से कभी सीडीओ ने बुला भी लिए तो आधी-अधूरी बात सुनकर ही बाहर का रास्ता दिखा देते हैं। मंगलवार को करीब आधा दर्जन फरियादी बगैर मिले ही मायूस लौटे।
बता दें कि आमजन की समस्याएं सुनने के लिए पूर्व सरकार द्वारा तहसील दिवस का आयोजन किया जाता था। इस दौरान पीडि़तों की समस्या सुनने के लिए डीएम, सीडीओ, एसपी सहित अन्य विभागों के प्रमुख अधिकारी मौजूद होकर फरियादियों की समस्याएं सुन निवारण के लिए यथोचित निर्देश आदेश निर्गत करते रहे। लेकिन वर्तमान समय में तहसील दिवस का आयोजन न होने से पीडि़तों को काफी परेशानी हो रही है। उन्हें अपनी समस्या बताने के लिए जिला मुख्यालय आना पड़ रहा है। बावजूद इसके अधिकारियों से मुलाकात न होने पर सभी मायूस हो वापस लौट जा रहे हैं।
मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय के समक्ष दोपहर साढ़े ग्यारह बजे निस्वा इंटर कालेज में रसोइयें के पद पर कार्यरत प्रमिला देवी अपने पांच वर्षीय बच्चे के साथ पहुंची। प्रमिला के साथ सहकर्मी गीता प्रजापति भी मौजूद थी। यह दोनों पिछले छह माह से वेतन न मिलने से परेशान हैं। प्रमिला और गीता का कहना है कि दोपहर के सवा दो बज गए लेकिन सीडीओ साहब से मुलाकात नहीं हो सकी। वहीं, सगड़ी तहसील क्षेत्र के देवाराखास राजा (बूढ़नपट्टी) गांव निवासी श्रीभागवत का कहना है कि बाहर बजे से मिलने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अभी तक मुलाकात नहीं हो सकी। पूछने पर कर्मचारी कहते हैं कि साहब चाय पी रहे हैं। मौजूद फरियादियों के अनुुसार लगभग आधा दर्जन से अधिक लोग बगैर मिले ही इंतजार करते हुए वापस चले गए।