आजमगढ़। मिर्जापुर विकास खंड के प्रधान संघ ने सीडीओ से मिल बीडीओ पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। संघ ने सीडीओ को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि खंड विकास अधिकारी ने सरकारी पेड़ की बिक्री में डेढ़ लाख रुपए रिश्वत लेकर चार लाख रुपए का पेड़ महज 46400 रुपए में ही बेच दिया। प्रधानों की शिकायत पर सीडीओ ने प्रकरण की जांच डीडीओ को सौंपी है।
प्रधानों का आरोप है कि मिर्जापुर ब्लाक में वर्षों पुराना सफेदा का वृक्ष लगा है। पेड़ काफी पुराना होने की वजह से तना सहित अन्य लकडि़यां काफी अधिक हैं। बीते 21 अप्रैल को कैंपस में निलामी की बोली हुई। इसमें सुरहीं गांव के एक ठेकेदार को 46400 रुपए में लगभग 86 पेड़ तय हो गए। बाद में पता चला कि लगभग चार लाख रुपए मूल्य के पेड़ को कम दाम में देने के लिए खंड विकास अधिकारी मिर्जापुर ने डेढ़ लाख रुपए रिश्वत के रूप में लिया है। मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी के समक्ष संबंधित ठेकेदार ने भी लिखित रूप से डेढ़ लाख रुपए अलग से देने की बात स्वीकारी है। शिकायत कर्ताओं में मिर्जापुर ब्लाक प्रधान संघ के अध्यक्ष रामराज, ग्राम प्रधान बागेश्वर यादव, राजिक आदि का कहना है कि सीडीओ ने पूरे प्रकरण की जांच डीडीओ को सौंपी है। वहीं, खंड विकास अधिकारी मिर्जापुर विजय कुमार चौधरी ने सारे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि हमारे पास सारे रिकार्ड मौजूद हैं। हमने कोई धांधली नहीं की है।
मुख्य विकास अधिकारी अब्दुल समद ने कहा कि पूरे मामले की जांच जिला विकास अधिकारी को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आजमगढ़। मिर्जापुर विकास खंड के प्रधान संघ ने सीडीओ से मिल बीडीओ पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। संघ ने सीडीओ को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि खंड विकास अधिकारी ने सरकारी पेड़ की बिक्री में डेढ़ लाख रुपए रिश्वत लेकर चार लाख रुपए का पेड़ महज 46400 रुपए में ही बेच दिया। प्रधानों की शिकायत पर सीडीओ ने प्रकरण की जांच डीडीओ को सौंपी है।
प्रधानों का आरोप है कि मिर्जापुर ब्लाक में वर्षों पुराना सफेदा का वृक्ष लगा है। पेड़ काफी पुराना होने की वजह से तना सहित अन्य लकडि़यां काफी अधिक हैं। बीते 21 अप्रैल को कैंपस में निलामी की बोली हुई। इसमें सुरहीं गांव के एक ठेकेदार को 46400 रुपए में लगभग 86 पेड़ तय हो गए। बाद में पता चला कि लगभग चार लाख रुपए मूल्य के पेड़ को कम दाम में देने के लिए खंड विकास अधिकारी मिर्जापुर ने डेढ़ लाख रुपए रिश्वत के रूप में लिया है। मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी के समक्ष संबंधित ठेकेदार ने भी लिखित रूप से डेढ़ लाख रुपए अलग से देने की बात स्वीकारी है। शिकायत कर्ताओं में मिर्जापुर ब्लाक प्रधान संघ के अध्यक्ष रामराज, ग्राम प्रधान बागेश्वर यादव, राजिक आदि का कहना है कि सीडीओ ने पूरे प्रकरण की जांच डीडीओ को सौंपी है। वहीं, खंड विकास अधिकारी मिर्जापुर विजय कुमार चौधरी ने सारे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि हमारे पास सारे रिकार्ड मौजूद हैं। हमने कोई धांधली नहीं की है।
मुख्य विकास अधिकारी अब्दुल समद ने कहा कि पूरे मामले की जांच जिला विकास अधिकारी को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।