आजमगढ़ (ब्यूरो)। रहमतों और बरकतों के साथ ईबादत का माह रमजान की शुभारंभ गुरुवार से होगा। बुधवार को चांद दिखने पर इसका ऐलान पेशे-ए-इमाम मौलाना इंतेखाब आलम ने किया। चांद देखते ही सभी ने हाथ उठाकर सलामती की दुआ मांगी और रोजेदारों ने एक-दूसरे को बधाइयां दी। । इसके साथ ही रोजे के सामानों की खरीददारी करने के लिए लोग घरों से निकल पड़े। इससे बाजार में चहल-पहल बढ़ गई थी।
बुधवार को चांद देखने के लिए लोग शाम से ही अपने-अपने छतों पर टकटकी लगाए थे। शाम को जैसे ही चांद दिखा लोगों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। इस दौरान रोजेदार खुशी का इजहार किए। साथ ही हाथ उठाकर लोगों की सलामती की दुआ मांगी। ईशा की नमाज के बाद मस्जिदों में तरावीह शुरू हो गई। मेजवां संवाददाता के अनुसार रमजान का महीना गुरुवार से शुरू हो जाएगा। रमजान की पूर्व संध्या पर बाजारों में रौनक बढ़ गई। विभिन्न प्रकार के सामानों से दुकानें सज गईं। रमजान को लेकर लोगों में काफी उत्साह दिखा। बुधवार से ही मस्जिदों में तरावीह पढ़ने का इंतजार किया गया। तरावीह पढ़ने में बाधा न आए इसके लिए जेनरेटर का इंतजाम पहले से किया जा चुका था। बुधवार को चांद देखने के बाद गुरुवार से रोजा रखने का क्रम शुरू हो जाएगा।
मौलाना फरहत हुसैन ने बताया कि रमजान के मुबारक महीने में रहमत की बारिश होती है। रमजान के रोजे का मतलब गुनाहों से बचना है। रोजा एक ऐसी रुहानी इबादत है जो इंसान को ऊंचे मुकाम पर पहुंचाती है। मुबारकपुर संवाददाता के अनुसार बुधवार की शाम रमजानुलमुबारक का चांद दिखाई दिया, लोग सहरी के लिए दूध, पावरोटी आदि की खरीददारी की। नगर और ग्रामीण क्षेत्र की बाजारों में रोजेदारों की चहल-पहल से बाजार की रौनक बढ़ गई है। ईशा की नमाज के बाद मस्जिदें तरावीह पढ़ने वालों से भर गई। अतरौलिया संवाददाता के अनुसार बरकत और रहमतों का महीना रमजान शुरू हो चुका है। इस महीने में कुरआन शरीफ नाजिल हुई थी और जन्नत का दरवाजा खुल जाता है। इस महीने में रोजा रहना ही फर्ज नहीं बल्कि पांच वक्त की नमाज भी पढ़ा जाना जरूरी है।
आजमगढ़ (ब्यूरो)। रहमतों और बरकतों के साथ ईबादत का माह रमजान की शुभारंभ गुरुवार से होगा। बुधवार को चांद दिखने पर इसका ऐलान पेशे-ए-इमाम मौलाना इंतेखाब आलम ने किया। चांद देखते ही सभी ने हाथ उठाकर सलामती की दुआ मांगी और रोजेदारों ने एक-दूसरे को बधाइयां दी। । इसके साथ ही रोजे के सामानों की खरीददारी करने के लिए लोग घरों से निकल पड़े। इससे बाजार में चहल-पहल बढ़ गई थी।
बुधवार को चांद देखने के लिए लोग शाम से ही अपने-अपने छतों पर टकटकी लगाए थे। शाम को जैसे ही चांद दिखा लोगों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। इस दौरान रोजेदार खुशी का इजहार किए। साथ ही हाथ उठाकर लोगों की सलामती की दुआ मांगी। ईशा की नमाज के बाद मस्जिदों में तरावीह शुरू हो गई। मेजवां संवाददाता के अनुसार रमजान का महीना गुरुवार से शुरू हो जाएगा। रमजान की पूर्व संध्या पर बाजारों में रौनक बढ़ गई। विभिन्न प्रकार के सामानों से दुकानें सज गईं। रमजान को लेकर लोगों में काफी उत्साह दिखा। बुधवार से ही मस्जिदों में तरावीह पढ़ने का इंतजार किया गया। तरावीह पढ़ने में बाधा न आए इसके लिए जेनरेटर का इंतजाम पहले से किया जा चुका था। बुधवार को चांद देखने के बाद गुरुवार से रोजा रखने का क्रम शुरू हो जाएगा।
मौलाना फरहत हुसैन ने बताया कि रमजान के मुबारक महीने में रहमत की बारिश होती है। रमजान के रोजे का मतलब गुनाहों से बचना है। रोजा एक ऐसी रुहानी इबादत है जो इंसान को ऊंचे मुकाम पर पहुंचाती है। मुबारकपुर संवाददाता के अनुसार बुधवार की शाम रमजानुलमुबारक का चांद दिखाई दिया, लोग सहरी के लिए दूध, पावरोटी आदि की खरीददारी की। नगर और ग्रामीण क्षेत्र की बाजारों में रोजेदारों की चहल-पहल से बाजार की रौनक बढ़ गई है। ईशा की नमाज के बाद मस्जिदें तरावीह पढ़ने वालों से भर गई। अतरौलिया संवाददाता के अनुसार बरकत और रहमतों का महीना रमजान शुरू हो चुका है। इस महीने में कुरआन शरीफ नाजिल हुई थी और जन्नत का दरवाजा खुल जाता है। इस महीने में रोजा रहना ही फर्ज नहीं बल्कि पांच वक्त की नमाज भी पढ़ा जाना जरूरी है।