आजमगढ़। डेंगू और जेईई जैसी खतरनाक बिमारियों को लेकर शासन सतर्क हो गया है। जिले के स्वास्थ्य विभाग को इससे सतर्क करने और प्रतिरोधी उपाय करने के लिए स्वास्थ्य सचिव वी हिकोली झिमोमी ने गुरुवार को एनआईसी परिसर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आवश्यक निर्देश दिए।
इसकी जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डा. श्रीकांत तिवारी ने कहा कि सचिव द्वारा डेंगू, चिकनगुनिया, जेईई, मलेरिया आदि रोगों से निपटने के लिए हमें पहले से प्रतिरोधी कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत नालियों में केमिकल का छिड़काव, उनकी साफ-सफाई, नगरपालिका के सहयोग से फागिंग आदि कराने का निर्देश दिया गया है। जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज में इसके लिए 10-10 बेड और समस्त सीएचसी में पांच-पांच बेड आरक्षित किए गए हैं। साथ ही एक टीम का गठन करने का भी निर्देश मिला है। जिला अस्पताल में डेंगू की जांच के लिए मशीन और किट उपलब्ध है अगर कोई फोन पर सूचना देता है हमारी टीम पहुंचकर उसकी जांच करेगी। इसके बाद उसकी जानकारी पोर्टल पर अपलोड होगी। एक महीने बाद मुख्यमंत्री स्वयं सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी से इसकी समीक्षा करेंगे।
आजमगढ़। डेंगू और जेईई जैसी खतरनाक बिमारियों को लेकर शासन सतर्क हो गया है। जिले के स्वास्थ्य विभाग को इससे सतर्क करने और प्रतिरोधी उपाय करने के लिए स्वास्थ्य सचिव वी हिकोली झिमोमी ने गुरुवार को एनआईसी परिसर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आवश्यक निर्देश दिए।
इसकी जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डा. श्रीकांत तिवारी ने कहा कि सचिव द्वारा डेंगू, चिकनगुनिया, जेईई, मलेरिया आदि रोगों से निपटने के लिए हमें पहले से प्रतिरोधी कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत नालियों में केमिकल का छिड़काव, उनकी साफ-सफाई, नगरपालिका के सहयोग से फागिंग आदि कराने का निर्देश दिया गया है। जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज में इसके लिए 10-10 बेड और समस्त सीएचसी में पांच-पांच बेड आरक्षित किए गए हैं। साथ ही एक टीम का गठन करने का भी निर्देश मिला है। जिला अस्पताल में डेंगू की जांच के लिए मशीन और किट उपलब्ध है अगर कोई फोन पर सूचना देता है हमारी टीम पहुंचकर उसकी जांच करेगी। इसके बाद उसकी जानकारी पोर्टल पर अपलोड होगी। एक महीने बाद मुख्यमंत्री स्वयं सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी से इसकी समीक्षा करेंगे।