औरैया। बिजली विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की ओर से पीएफ घोटाले के आरोपियों को जेल भेजने व प्रदेश सरकार से उनके भविष्य की निधि को सुरक्षित होने से संबंधित श्वेत पत्र जारी किए जाने आदि मांगों को लेकर 18 नवंबर से कार्य बहिष्कार हड़ताल शुरू कर दी है, इससे पूरा कामकाज ठप है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर यह हड़ताल अभी 23 नवंबर तक चलेगी। उधर, दो दिनों में हड़ताल से विभाग को अब तक 25 लाख रुपये रेवेन्यू का नुकसान हुआ है। इसी क्रम में मंगलवार को सदर बिजली डिवीजन पर कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन कर नारेबाजी की।
बिजली विभाग की ओर से प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर चलाए जा रहे धरना प्रदर्शन व कार्य बहिष्कार आंदोलन के चलते मंगलवार से बिजली कार्यालय में सब कामकाज ठप कर बिजली अधिकारियों व कर्मचारियों ने मंडल कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इस संबंध में राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के जिला सचिव नरेंद्र कुमार ने कहा कि बिजली अधिकारियों द्वारा अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पाई-पाई कर जमा की गई धनराशि को भ्रष्टाचारियों ने पल भर में बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर यह कार्य बहिष्कार आंदोलन 23 नवंबर तक जारी रहेगा। इस पर भी यदि शासन ने उनकी मांगों को अनदेखा किया तो फिर 24 नवंबर को केंद्रीय कार्यशाला की बैठक में आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी।
औरैया। बिजली विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की ओर से पीएफ घोटाले के आरोपियों को जेल भेजने व प्रदेश सरकार से उनके भविष्य की निधि को सुरक्षित होने से संबंधित श्वेत पत्र जारी किए जाने आदि मांगों को लेकर 18 नवंबर से कार्य बहिष्कार हड़ताल शुरू कर दी है, इससे पूरा कामकाज ठप है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर यह हड़ताल अभी 23 नवंबर तक चलेगी। उधर, दो दिनों में हड़ताल से विभाग को अब तक 25 लाख रुपये रेवेन्यू का नुकसान हुआ है। इसी क्रम में मंगलवार को सदर बिजली डिवीजन पर कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन कर नारेबाजी की।
बिजली विभाग की ओर से प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर चलाए जा रहे धरना प्रदर्शन व कार्य बहिष्कार आंदोलन के चलते मंगलवार से बिजली कार्यालय में सब कामकाज ठप कर बिजली अधिकारियों व कर्मचारियों ने मंडल कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इस संबंध में राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के जिला सचिव नरेंद्र कुमार ने कहा कि बिजली अधिकारियों द्वारा अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पाई-पाई कर जमा की गई धनराशि को भ्रष्टाचारियों ने पल भर में बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर यह कार्य बहिष्कार आंदोलन 23 नवंबर तक जारी रहेगा। इस पर भी यदि शासन ने उनकी मांगों को अनदेखा किया तो फिर 24 नवंबर को केंद्रीय कार्यशाला की बैठक में आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी।