औरैया। गेहूं खरीद पर शुरू से ही संकट के बादल छाए हैं। पहले केंद्रों पर बारदाने का अभाव, बजट की अनुपलब्धता की मार झेल चुके किसानों के मध्य अब टोकन व्यवस्था ने एक नई आफत खड़ी कर दी है। टोकन व्यवस्था ने समर्थन मूल्य पर फसल बेचने का किसानों का सपना चकनाचूर कर दिया है।
नई टोकन व्यवस्था के तहत क्रय केंद्र प्रभारियों की ओर से केंद्र पर आए किसानों को एक टोकन देकर फसल बेचने के लिए तिथि निर्धारित कर दी जाती है। उक्त तिथि पर ही किसान का गेहूं खरीदा जाता है। कमीशन एजेंट के माध्यम से गेहूं खरीद किए जाने की योजना फ्लाप हो जाने से इन दिनों क्रय केंद्रों पर फसल बेचने के लिए किसानों की होड़ लगी है। टोकन व्यवस्था के तहत जिले के सभी क्रय केंद्रों पर आगामी 28 जून तक टोकन से ही किसानों की फसल खरीद किए जाने का फरमान है। इसके चलते क्रय केंद्रों पर नए किसानों की फसल को वापस लौटाया जा रहा है। बगैर टोकन के किसान की फसल नहीं खरीदी जा रही है।
टोकन लेने से वंचित रहे किसानों में इस नई व्यवस्था के संचालन से उहापोह की स्थिति बनी हुई है। ऐसे किसानों का कहना है कि शासन की ओर से आगामी 30 जून तक सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद की जानी है। जबकि 28 जून तक सभी केंद्रों पर खरीद के टोकन बुक हो चुके हैं। शेष बचे दो दिनों में हम किसान कितने लाभान्वित होंगे, इसका जवाब देने में खरीद तंत्र विफल हो रहा है।
इस संबंध में खरीद प्रभारी/अपर जिलाधिकारी लालमणि मिश्रा कहते हैं कि टोकन व्यवस्था को परिवर्तित नहीं किया जा सकता। समर्थन मूल्य पर अधिक से अधिक किसानों का गेहूं खरीदा जा सका, इसके लिए केंद्र खोलने की समय सीमा में वृद्धि की गई है।