अजीतमल (औरैया)। अजीतमल का पशु मेला इन दिनों रौनक खोता जा रहा है। मेला स्थल में धूप में व्यापारियों और पशुपालकों के लिए पर्याप्त छाया का भी प्रबंध नहीं है। पेड़ों की छाया में ही मेला दिखाई देता है।
जनता महाविद्यालय के सामने पशु मेला लगता है। यह मेला करीब 100 वर्ष पुराना है। ज्येष्ठ के महीने में 15 दिनों तक लगने वाला यह मेला प्रशासन की उदासीनता से बदहाली का शिकार है। मेला स्थल पर एक हैंडपंप लगा है। पशुओं के लिए पानी की समुचित व्यवस्था भी नहीं है। जनपदों से आने वाले व्यापारियों को यहां कठिनाई होती है। लालाराम, मनोज दोहरे, हरीशंकर तिवारी, पूरन दुबे आदि व्यापारियों ने बताया कि सुविधाओं की कमी से व्यापारी आने में कतराने लगे हैं। उन्होंने मेला स्थल पर समुचित प्रबंध करने की मांग की है।