औरैया। अंशुल की हत्या की साजिश उसकी ननद ने ही अपने पिता के साथ मिलकर रची थी। हत्या के बाद अंशुल के ससुर ने हत्यारों को बाकी की रकम दी थी।
शहर के मोहल्ला बघाकटरा निवासी देवदत्त मिश्रा की एनआरआई पुत्रवधू अंशुल मिश्रा की हत्या के लिए पूरी साजिश उसकी ननद मीना द्विवेदी ने रची थी। सुपारी किलर से उसने ही 50 हजार रुपए देकर सौदा किया था। हत्यारों ने बिजनौर व अन्य स्थानों पर अंशुल की हत्या का प्रयास किया लेकिन कामयाब नहीं हो सके। बाद में ससुर देवदत्त मिश्रा के सहयोग से ससुराल में ही 27 जुलाई 2011 को उसकी हत्या की गई। हत्या के बाद देवदत्त ने एक लाख 53 हजार रुपए हत्यारों को दिए थे। घटना को लूट बताने के लिए हत्यारे देवदत्त मिश्रा, अंशुल की सास व पति को बांधकर डालने के बाद फरार हो गए थे। उस समय घर में मीना नहीं थी।
औरैया। अंशुल की हत्या की साजिश उसकी ननद ने ही अपने पिता के साथ मिलकर रची थी। हत्या के बाद अंशुल के ससुर ने हत्यारों को बाकी की रकम दी थी।
शहर के मोहल्ला बघाकटरा निवासी देवदत्त मिश्रा की एनआरआई पुत्रवधू अंशुल मिश्रा की हत्या के लिए पूरी साजिश उसकी ननद मीना द्विवेदी ने रची थी। सुपारी किलर से उसने ही 50 हजार रुपए देकर सौदा किया था। हत्यारों ने बिजनौर व अन्य स्थानों पर अंशुल की हत्या का प्रयास किया लेकिन कामयाब नहीं हो सके। बाद में ससुर देवदत्त मिश्रा के सहयोग से ससुराल में ही 27 जुलाई 2011 को उसकी हत्या की गई। हत्या के बाद देवदत्त ने एक लाख 53 हजार रुपए हत्यारों को दिए थे। घटना को लूट बताने के लिए हत्यारे देवदत्त मिश्रा, अंशुल की सास व पति को बांधकर डालने के बाद फरार हो गए थे। उस समय घर में मीना नहीं थी।