औरैया। पेट्रोल के दाम साढ़े सात रुपए लीटर बढ़ने पर लोगों ने गुस्सा जताया है। लोगों का कहना है कि इससे महंगाई और बढ़ जाएगी। राजनीतिक दलों ने यूपीए सरकार से मूल्य वृद्धि वापस लेने की मांग की है। इस पर सपा, भाजपा नेताओं ने भी नाराजगी जताई है।
पेट्रोल की कीमतों में तेल कंपनियों ने 7.50 रुपए की वृद्धि कर दी है। पेट्रोल की कीमत बढ़ोत्तरी के इतिहास में यह अब तक कि सबसे बड़ी वृद्धि मानी जा रही है। पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि पर लोगों ने नाराजगी जताई। सपा एवं भाजपा ने इस मूल्य वृद्धि का जोरदार विरोध करते हुए केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव सुंदरलाल निषाद कहते हैं कि केंद्र सरकार ने तेल कंपनियों को अधिक स्वायतता प्रदान कर रखी है। मूल्य वृद्धि इसी का कारण है। उन्होंने सीधे सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार भले ही मूल्य वृद्धि का ठीकरा तेल कंपनियों के सिर पर फोड़ रही हो, पर जनता यह जान चुकी है कि पेट्रो केमिक्ल पदार्थों की मूल्य वृद्धि में उनकी पूरी तरह से रजामंदी रही है। भाजपा नेता रमेश दिवाकर ने खासी नाराजगी व्यक्त की। उनका कहना है कि यूपीए सरकार किसी भी सूरत में आम आदमी को चैन से जीने नहीं देना चाहती।
आज हुई पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोत्तरी भी केंद्र सरकार की देन है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि का प्रभाव मध्यम वर्गीय परिवारों के साथ किसानों पर भी पड़ेगा। कहा कि लोकसभा चुनाव अब ज्यादा दूर नहीं है। जनता अपने साथ हो रहे अन्याय का गिन गिन का बदला लेगी। सपा एवं भाजपा ने केंद्र सरकार से दो टूक कहा कि पेट्रोल की कीमतों में की गई वृद्धि को वापस लें, अन्यथा आम जनता के साथ पार्टी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेगी।