औरैया। भाग्यनगर विकास खंड के ग्राम सेहुद में मंगलवार से श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हो गया है। भागवत कथा से पूर्व गांव में कलश यात्रा निकाली गई।
वैदिक मंत्रों के साथ श्रीमद्भागवत पुराण महाकाव्य का पूजन करने के बाद भव्य कलश यात्रा निकाली गई। बैंड बाजों की धुन पर कलश यात्रा में शामिल महिलाएं झूमने लगीं। धौरा नाग बाबा के आशीर्वाद एवं अंकलेश्वर मठ, भरूच, गुजरात से पधारे संत सुरेशानंद जी महाराज(काकाजी) की अनुकंपा से सांई बाग में आयोजित भागवत कथा के प्रथम दिन श्रीधाम वृंदावन के कृपा प्राप्त भागवताचार्य पं. सुशील कुमार शुक्ल ने भक्ति और भक्त के अंतर पर प्रकाश डाला। भागवताचार्य श्री शुक्ल ने कहा कि वैराग्य और मोक्ष भक्ति के पुत्र हैं। इनके अभाव में भक्ति की कल्पना करना सूर्य को दिया दिखाने के समान है। उन्होंने कहा कि ईश्वर की भक्ति से पूर्व भक्त को वैराग्य और मोक्ष प्राप्त करने का प्रयत्न करना चाहिए। इसके लिए मनुष्य को काम, क्रोध, मोह, लोभ, ईष्या को त्याग कर अपनी ज्ञानेंद्रियों को जाग्रत करना चाहिए। भक्ति प्राप्ति करने के पथ में यही पांच चीजें सदैव बाधक बनती हैं। इन पर विजय प्राप्त करने वाला सच्चे मायनों में परमेश्वर का भक्त कहलाता है और भगवान भी उसकी एक पुकार पर दौड़े चले आते हैं।
भागवताचार्य पं. सुशील शुक्ल ने महर्षि नारद की भक्ति का उदाहरण देते हुए कहा कि नर के रूप में होते हुए भी मुनि अपनी भक्ति के बल पर स्वयं नारायण को अपने वश में किए रहे। भक्त और भगवान का पारस्परिक संबंध इसके अलावा और कहीं मिलना दुर्लभ है।