दिबियापुर। एसएमआई दिबियापुर प्रतीक चौहान का कहना है कि जिला प्रशासन के आदेशानुसार एक दिन में एक जोतबही पर मात्र बीस क्विंटल गेहूं ही बेचा जा सकता है। यदि बड़ा किसान है तो उसे आढ़तों पर बनाए गए गेहूं क्रय केंद्र पर गेहूं बेचना होगा। गेहूं क्रय करने के बाद इसकी जानकारी बेचने वाले किसान की जोतबही में दर्ज की जाती है।
इसके साथ ही किसान द्वारा प्रस्तुत खसरे के माध्यम से यह भी जानकारी की जाती है कि किसान ने स्वयं गेहूं की फसल ही पैदा की है।
जब उन्हें यह बताया गया कि एक दिन में 62.5 क्विंटल गेहूं बेचा गया तो उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पहले खरीद लिया गया हो। एक ही किसान की दो जोतबहियों पर अलग अलग दिनों में चार बार गेहूं खरीद होने के बावजूद किसान की जोतबही में एक बार भी दर्ज न करने के बारे में उनका कहना है कि गेहूं क्रय के भारी दबाव के चलते हो सकता है कि क्रय केंद्र पर बैठे कर्मचारी ने जल्दबाजी में गेहूं जोतबही पर न चढ़ाया हो। हालांकि उन्होंने सुरेश चंद्र की फसली खसरा मंगाकर गेहूं किसान होने या न होने के बारे में जांच की बात कही है। ब्यूरो