बिधूना (औरैया)। प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन स्वास्थ्य आकस्मिक छापेमारी अस्पतालों में जांचपड़ताल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के संसदीय क्षेत्र के चिकित्साकर्मी वही पुराना रवैया अपनाए हुए हैं। जिसके चलते रविवार को अस्पताल पहुंची प्रसव पीड़ा तीन घंटे तड़पती रही। तीमारदारों और अन्य लोगों ने हंगामा करने के बाद महिला को उपचार मिला। सीएमओ ने चिकित्साधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
कस्बे के मोहल्ला नवीनबस्ती निवासी मोनिका सिंह पत्नी अखिलेश सिंह अपनी मां सुमन के साथ रविवार की सुबह साढ़े 11 बजे स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। अस्पताल का मेनगेट तो खुला था, लेकिन अस्पताल में न तो कोई चिकित्सक था और न ही चिकित्साकर्मी। प्रसव पीड़ा से परेशान महिला ने कराहना शुरू किया तो उसकी चीख सुनकर आए लोगों और महिला के तीमारदारों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा खड़ा कर दिया। कई अन्य प्रसूता भी वहां पहुंची तो वह भी चिकित्सक के न रहने के कारण परेशान नजर आईं। हंगामे की सूचना मिलते ही कुछ चिकित्साकर्मी और चिकित्सक रामजीलाल वहां पहुंचे और नर्स उर्मिला तिवारी को अस्पताल कैंपस से बुलाया। लगभग दो बजकर 15 मिनट पर प्रसव पीड़ा से अस्पताल परिसर में कराह रही महिला मोनिका को आनन-फानन वार्ड में लिटाया गया और उसे उपचार दिया गया।
इधर आक्रोशित लोगों ने बताया कि अस्पताल से अक्सर चिकित्सक व कर्मी नदारद रहते हैं। विशेष रूप से प्रसव पीड़ित महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती है। आक्रोशित लोगों ने फोन पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. करन सिंह को इसकी सूचना दी तो उन्होंने आक्रोशित लोगों को चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन देकर उनके आक्रोश को शांत कराया। इधर अस्पताल में नारेबाजी करने वाले लोगों ने कहा अगर अब ऐसा दोबारा होता है तो वह लोग इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगे और अस्पताल गेट पर जमकर प्रदर्शन भी करेंगे।