औरैया। सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद की परिस्थितियां पूरी तरह से प्रतिकूल हो गई हैं। शासन से सौंपे गए लक्ष्य को पूरा करने के लिए जिले में गेहूं खरीद की गति इस कदर तेज करनी होगी कि एक दिन में पांच सौ एमटी तक पहुंच जाए। जिला प्रशासन की ओर से जारी असफल कवायद को देखते हुए प्रतिदिन का लक्ष्य पूरा करना एक बड़ा कार्य प्रतीत हो रहा है।
जिले को वर्ष 2012 में 46,500 मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य सौंपा गया है। इस कार्य में लगाई गई छह क्रय एजेंसियों के 81 क्रय केंद्रों और 71 कमीशन एजेंट के माध्यम से 50 दिनों में अब तक 20 हजार मीट्रिक टन ही गेहूं की खरीद की जा सकी है। इस दौरान सभी क्रय केंद्रों पर बजट और बारदाना की कमी के चलते गेहूं खरीद भी ठप रही। अब गेहूं खरीद के 40 दिन शेष बचे हैं, इन बचे हुए दिनों में 26 हजार 500 एमटी गेहूं की खरीद की जानी है। कमीशन एजेंट से लक्ष्य पूरा किए जाने की योजना भी सफल नहीं होती नजर नहीं आ रही है। जिले में कमीशन बेसिस पर किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के लिए नियुक्ति किए गए 71 आढ़तिए भी गेहूं खरीद में जरूरत से अधिक सरकारी दखल और दबाव के चलते भी किसान से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने के बजाए व्यक्तिगत तौर पर उससे भी कम दाम पर गेहूं खरीदना अधिक पसंद कर रहे हैं।
बारदाना और बजट के अभाव में सरकारी मशीनरी और कमीशन एजेंट के माध्यम से जिले में महज 250 से 300 एमटी तक ही गेहूं खरीद करना संभव हो पा रहा है।
इस संबंध में जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी डा. आरबी चतुर्वेदी बताते हैं कि क्रय केंद्रों को सामान्य रूप में लाने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। इधर कमीशन एजेंट की ओर से गेहूं खरीद में वृद्धि हुई है। उन्होंने दावा किया कि शेष समय में लक्ष्य पूरा करना कठिन नहीं है। उन्होंने इस लक्ष्य को निर्धारित समय में निश्चित रूप से पूरा कर लिए जाने का दावा किया है।