जिसकी कर दी तेरहवीं वह वापस लौट
दिबियापुर (औरैया)। पंद्रह दिनों पूर्व पाता रेलवे स्टेशन पर जोधपुर हावड़ा से कटकर मरने वाले की शिनाख्त जिस व्यक्ति के रूप में की थी, वह शनिवार को अपने गांव खरगपुर वापस लौट आया। शुक्रवार को उसके सकुशल वापस लौट आने से घर एवं गांव में खुशी का माहौल है। जो युवक जिंदा लौटा है, उसका दाह संस्कार से लेकर तेरहवीं तक परिवारीजन कर चुके हैं।
तीन मई की शाम को दिल्ली हावड़ा रेलमार्ग के पाता रेलवे स्टेशन पर एक युवक की जोधपुर हावड़ा ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई थी। खरगपुर गांव से पहुंचे हाकिम सिंह एवं अन्य ग्रामीणों लोगों ने मृतक की शिनाख्त गांव के कप्तान सिंह यादव पुत्र नाथूराम यादव निवासी खरगपुर के रूप में की। जीआरपी फफूंद ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस बीच पड़ोसी गांव पड़ारा में रहने वाला अजय पाल कानपुर से आया और उसने कप्तान सिंह के कानपुर में जिंदा होने का दावा किया। परंतु कोई भी परिजन मानने को तैयार नहीं हुआ। कप्तान सिंह यादव का दो दिनों पहले तेरहवीं संस्कार भी हो चुका है। तेरहवीं संस्कार के दिन गांव पहुंचे पड़ारा निवासी अजयपाल ने दोबारा दावे के साथ कहा कि उसने कप्तान सिंह को कानपुर में देखा है। इसपर कप्तान सिंह का भाई औसान सिंह कानपुर चलने को राजी हुआ। 17 मई को औसान सिंह, अजयपाल के साथ कानपुर रवाना हुआ। वहां पर कई स्थानों पर कप्तान सिंह की तलाश की गई। परंतु पता न चला। 18 मई को शास्त्रीनगर के साईं मंदिर में ढोलक बजाते हुए कप्तान सिंह नजर आया तो भाई औसान सिंह के आंसू छलछला उठे। वह अपने भाई कप्तान सिंह को लेकर अपने गांव लौट आया। 18 मई को देर शाम पहुंचे कप्तान सिंह का जोरदार स्वागत किया गया। लोगों ने कंधे पर उठाकर उसे पूरे गांव में घुमाया। शनिवार को पूरे दिन कप्तान सिंह के रिश्तेदारों का गांव में पहुंचने का क्रम बना हुआ है।