औरैया। जिला पंचायत राज विभाग में फर्जी अभिलेख लगाकर नौकरी हासिल करना एक सफाईकर्मी को मंहगा पड़ने वाला है। विभाग की ओर से कराई जा चुकी जांच के दौरान लगाई गई पेशी को दो बार बॉयकाट करने के बाद आरोपी सफाई कर्मी को 15 दिनों में अपना पक्ष रखने को अंतिम अल्टीमेटम जारी किया गया है।
वर्ष 2009 में जिला मुनेश बाबू की नियुक्ति सफाई कर्मी पद पर औरैया विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत मालेपुर के फरीदपुर में गांव में की गई थी। तैनाती मिल जाने के बाद से लेकर अब तक मुनेश बाबू ने अपनी नियुक्ति स्थल पर उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। ग्रामीणों की ओर से जब उसकी शिकायत की गई तो उस पर फर्जी अभिलेख लगाकर नौकरी हथियाने का मामला प्रकाश में आया। इस पर डीपीआरओ विभाग ने गत 25 अगस्त 2011 को अछल्दा के सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) केके अवस्थी को सौंपी जांच में आरोप सिद्ध हुआ और आरोपी सफाई कर्मी को निलंबित कर अपना पक्ष रखने को लिखित आदेश दिया गया। मुनेश ने इस नोटिस को तवज्जो नहीं दी। जिला पंचायत राज अधिकारी ने गत आठ जुलाई 2011 नए सिर से पूरे प्रकरण की जांच सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) औरैया को सौंपी। जांच में एडीओ औरैया ने भी सफाई कर्मी मुनेश पर लगाए गए फर्जी अभिलेख लगाकर सरकारी सेवा करने के आरोप को प्रथम दृष्टया सही पाया। उनकी ओर से भी उसे अपना पक्ष रखने का नोटिस दिया गया। इस बार भी मुनेश ने विभाग के नोटिस को ठुकरा दिया। शनिवार को डीपीआरओ ओम प्रकाश राजपूत की ओर से आरोपी सफाई कर्मी को अंतिम अल्टीमेटम जारी किया गया है। विभाग की ओर से जारी नोटिस में सफाई कर्मी मुनेश कुमार को पंद्रह दिनों में कार्यालय में उपस्थित होकर अपने बचाव में साक्ष्य प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। डीपाआरओ श्री राजपूत ने बताया कि इस बार के नोटिस में मौजूद ने होने अथवा साक्ष्य प्रस्तुत न करने की सूरत में दोषी सफाई कर्मी को बर्खास्त कर उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।