औरैया। नगर पालिका इंटर कालेज में शुक्रवार को साइकिल वितरण के दौरान छात्राओं और उनके अभिभावकों ने खराब साइकिल देख लेने से इंकार कर दिया। विभागीय अधिकारियों पर घूस लेने और कमीशन खोरी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। डीआईओएस ने छात्राओं को समझाकर मामला शांत कराया। 150 में 95 खराब साइकिलों को बाहर निकाला गया।
बसपा शासनकाल में चलाई गई सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना भले ही सपा सरकार ने समाप्त कर दी हो। आज भी पिछले वर्ष की सैकड़ों छात्राओं को विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण साइकिलें नहीं मिल सकी हैं। कई छात्राएं ऐसी हैं जिन्हें पैसा मिल चुका है लेकिन साइकिलें नहीं मिली हैं। विभागीय अधिकारियों ने शुक्रवार को औरैया तहसील की वंचित छात्राओं को नगर पालिका में साइकिल लेने के लिए बुलाया। वहां पर छात्राओं ने टायरों को फटा, खराब और जर्जर देख साइकिलें लेने से इनकार कर दिया। बाबुओं ने छात्राओं की एक न सुनी और उन्हें साइकिल रिसीव कराते रहे। जब लगातार आधे सैकड़े से अधिक छात्राओं के हिस्से खराब साइकिल आईं तो छात्राओं और उनके अभिभावकों ने साइकिल लेने से साफ इंकार कर दिया और घूस में विभागीय अधिकारियों व विद्यालय के बाबुओं को दिए गए रुपए मांगने लगे। साथ ही नगर पालिका परिसर में जमकर नारेबाजी की। अचानक प्रदर्शन से बाबुओं ने कुछ छात्राओं के पैसे लौटा दिए। इसके बाद बाबुओं ने इसकी जानकारी डीआईओएस रामनयन को दी। डीआईओएस रामनयन मौके पर पहुंचने पर भी छात्राओं ने नारेबाजी जारी रखी। समस्या सुनने के बाद डीआईओएस ने खराब साइकिलों को बाहर निकलवाया। जिसमें 150 साइकिलों में 95 साइकिलें खराब पाईं गई।