औरैया। जिला मुख्यालय ककोर के सामने चिह्नित 19.756 हेक्टेयर भूमि पर जनपद न्यायालय के आवासीय व अनावासीय भवन निर्माण कराने के लिए भूमि अर्जन के लिए शासन ने अधिसूचना जारी कर दी है। इस संबंध में महामहिम राज्यपाल ने अधिग्रहण में देरी वाली धारा पांच के उपबंध लागू न करने का आदेश पारित कर स्थापना कार्य में तेजी लाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।
जनपद न्यायालय को नगर से 10 किलो मीटर दूर मुख्यालय के सामने पूर्वी दिशा की भूमि पर स्थापित करने का प्रस्ताव करीब चार वर्ष से लंबित है। जिलाजज पीके जैन ने इस संबंध में प्रदेश शासन से लिखा पढ़ी कर यह सफलता हासिल कर ली। प्रदेश के न्याय विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार जिला न्यायालय औरैया के आवासीय एवं अनावासीय भवनों के निर्माण के लिए ककोर बुजुर्ग की 18.756 हेक्टेयर भूमि, भूमि अर्जन अधिनियम 1894 के तहत अधिग्रहम की अनुमति दे दी गई है। देरी को रोकने के लिए महामहिम ने अधिनियम की धारा 17 उपधारा चार के अधीन निर्देश देकर धारा पांच क के उपबंध विवर्जित कर दिए। शासन के सचिव जकी उल्लाह खां ने अधिसूचना का आदेश दिया है। जिलाजज के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शिव कुमार सिंह के अनुसार वर्ष 2008 से इस दिशा में प्रयास चल रहे हैं लेकिन सफलता मिलने से जिलाजजी मुख्यालय के सामने ककोर बुजुर्ग में स्थापना का मार्ग प्रशस्त्र हो गया है।
डीबीए के मीडिया प्रभारी महावीर शर्मा ने अधिसूचना जारी होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भविष्य में लोगों को कलेक्ट्रेट व न्याय विभाग की सुविधाएं एक ही स्थान पर सुलभ हो सकेंगी। भूमि अधिग्रहण कार्य में कोई रुकावट अब सामने नहीं आएगी।
औरैया। जिला मुख्यालय ककोर के सामने चिह्नित 19.756 हेक्टेयर भूमि पर जनपद न्यायालय के आवासीय व अनावासीय भवन निर्माण कराने के लिए भूमि अर्जन के लिए शासन ने अधिसूचना जारी कर दी है। इस संबंध में महामहिम राज्यपाल ने अधिग्रहण में देरी वाली धारा पांच के उपबंध लागू न करने का आदेश पारित कर स्थापना कार्य में तेजी लाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।
जनपद न्यायालय को नगर से 10 किलो मीटर दूर मुख्यालय के सामने पूर्वी दिशा की भूमि पर स्थापित करने का प्रस्ताव करीब चार वर्ष से लंबित है। जिलाजज पीके जैन ने इस संबंध में प्रदेश शासन से लिखा पढ़ी कर यह सफलता हासिल कर ली। प्रदेश के न्याय विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार जिला न्यायालय औरैया के आवासीय एवं अनावासीय भवनों के निर्माण के लिए ककोर बुजुर्ग की 18.756 हेक्टेयर भूमि, भूमि अर्जन अधिनियम 1894 के तहत अधिग्रहम की अनुमति दे दी गई है। देरी को रोकने के लिए महामहिम ने अधिनियम की धारा 17 उपधारा चार के अधीन निर्देश देकर धारा पांच क के उपबंध विवर्जित कर दिए। शासन के सचिव जकी उल्लाह खां ने अधिसूचना का आदेश दिया है। जिलाजज के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शिव कुमार सिंह के अनुसार वर्ष 2008 से इस दिशा में प्रयास चल रहे हैं लेकिन सफलता मिलने से जिलाजजी मुख्यालय के सामने ककोर बुजुर्ग में स्थापना का मार्ग प्रशस्त्र हो गया है।
डीबीए के मीडिया प्रभारी महावीर शर्मा ने अधिसूचना जारी होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भविष्य में लोगों को कलेक्ट्रेट व न्याय विभाग की सुविधाएं एक ही स्थान पर सुलभ हो सकेंगी। भूमि अधिग्रहण कार्य में कोई रुकावट अब सामने नहीं आएगी।