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औरैया। बिना अनुमोदन के मिनी आंगनबाड़ी केंद्र महाराजपुर में जिला कार्यक्रम कार्यालय की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकत्री का नियम विरुद्ध चयन कर लिया गया। इसकी शिकायत पर जिलाधिकारी ने डिप्टी कलेक्टर की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला कार्यक्रम अधिकारी की सत्य निष्ठा पर सवाल खड़े किए। गंभीर अनियमितता बरतने पर उन्हें जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट प्रेषित किए जाने की चेतावनी दी है।
सहार विकास खंड के ग्राम महाराजपुर के आंगनबाड़ी केंद्र पर श्रीमती रेखा देवी पत्नी वंशलाल का 23 फरवरी 2012 को जिला कार्यक्रम कार्यालय की ओर से चयन किया गया था। रेखा देवी के चयन को गांव की ही ज्ञानवती पत्नी रामकुमार ने चुनौती देकर तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी से शिकायत की थी। शिकायत का निस्तारण होता न देख ज्ञानवती मामला उच्च न्यायालय ले गई। उच्च न्यायालय ने जिलाधिकारी को मामले की सुनवाई करने को आदेशित किया। सुनवाई के बाद जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने केंद्र की चयन प्रक्रिया निरस्त करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी लतिका सिंह को चयन हेतु पुन: विज्ञप्ति जारी करने को निर्देशित किया था।
आरोप है कि डीपीओ श्रीमती सिंह की ओर से चयन विज्ञप्ति जारी नहीं की गई। साथ ही रेखा देवी का चयन निरस्त करते हुए डीएम से बिना अनुमोदन कराए रेखा देवी के स्थान पर द्वितीय वरीयता प्राप्त ज्ञानवती का आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्यकत्री के रूप में चयन कर लिया गया। नियक्ति पत्रावली पर हस्ताक्षर कराए बिना और बगैर अनुमोदन के ज्ञानवती का चयन करने को डीएम ने गंभीर बताते हुए डीपीओ को अनियमितता का दोषी करार दिया है।
इसी तरह गत आठ जनवरी 2013 को डिप्टी कलेक्टर ने अपनी रिपोर्ट देकर डीएम को अवगत कराया कि बिधूना विकास खंड के ग्राम खरगपुर के आंगनबाड़ी केंद्र पर बिना अनुमोदन कराए गांव की श्रीमती गायत्री पत्नी नंदराम को पत्रावली पर हस्ताक्षर कराए बगैर कार्यकत्री के रूप में नियुक्त आदेश निर्गत किया गया है। गत 16 जनवरी को डीएम श्री लिंगम ने जिला कार्यक्रम अधिकारी लतिका सिंह की सत्यनिष्ठा संदिग्ध बताते हुए उन्हें नोटिस देकर उनसे स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने डीपीओ के कार्य को वित्तीय अनियमितता करार देते हुए उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट प्रेषित किए जाने की चेतावनी दी है।
शासनादेश के तहत किया चयन
औरैया। महाराजपुर और खरगपुर आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यकत्रियों के चयन को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब में जिला कार्यक्रम अधिकारी लतिका सिंह ने कहा कि उन्होंने उक्त केंद्रों पर शासनादेश के अनुसार ही कार्यकत्रियों का चयन किया है। उन्होंने बताया कि प्रथम नियुक्ति के गलत साबित हो जाने के बाद नियमानुसार वरीयता क्रम में दूसरे आवेदक का चयन किया जाता है। उन्होंने भी वही किया। बिना अनुमोदन के चयन के संबंध में डीपीओ श्रीमती सिंह का कहना था कि वरीयता के अनुसार चयन में अनुमोदन प्रक्रिया आवश्यक नहीं है।
औरैया। बिना अनुमोदन के मिनी आंगनबाड़ी केंद्र महाराजपुर में जिला कार्यक्रम कार्यालय की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकत्री का नियम विरुद्ध चयन कर लिया गया। इसकी शिकायत पर जिलाधिकारी ने डिप्टी कलेक्टर की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला कार्यक्रम अधिकारी की सत्य निष्ठा पर सवाल खड़े किए। गंभीर अनियमितता बरतने पर उन्हें जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट प्रेषित किए जाने की चेतावनी दी है।
सहार विकास खंड के ग्राम महाराजपुर के आंगनबाड़ी केंद्र पर श्रीमती रेखा देवी पत्नी वंशलाल का 23 फरवरी 2012 को जिला कार्यक्रम कार्यालय की ओर से चयन किया गया था। रेखा देवी के चयन को गांव की ही ज्ञानवती पत्नी रामकुमार ने चुनौती देकर तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी से शिकायत की थी। शिकायत का निस्तारण होता न देख ज्ञानवती मामला उच्च न्यायालय ले गई। उच्च न्यायालय ने जिलाधिकारी को मामले की सुनवाई करने को आदेशित किया। सुनवाई के बाद जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने केंद्र की चयन प्रक्रिया निरस्त करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी लतिका सिंह को चयन हेतु पुन: विज्ञप्ति जारी करने को निर्देशित किया था।
आरोप है कि डीपीओ श्रीमती सिंह की ओर से चयन विज्ञप्ति जारी नहीं की गई। साथ ही रेखा देवी का चयन निरस्त करते हुए डीएम से बिना अनुमोदन कराए रेखा देवी के स्थान पर द्वितीय वरीयता प्राप्त ज्ञानवती का आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्यकत्री के रूप में चयन कर लिया गया। नियक्ति पत्रावली पर हस्ताक्षर कराए बिना और बगैर अनुमोदन के ज्ञानवती का चयन करने को डीएम ने गंभीर बताते हुए डीपीओ को अनियमितता का दोषी करार दिया है।
इसी तरह गत आठ जनवरी 2013 को डिप्टी कलेक्टर ने अपनी रिपोर्ट देकर डीएम को अवगत कराया कि बिधूना विकास खंड के ग्राम खरगपुर के आंगनबाड़ी केंद्र पर बिना अनुमोदन कराए गांव की श्रीमती गायत्री पत्नी नंदराम को पत्रावली पर हस्ताक्षर कराए बगैर कार्यकत्री के रूप में नियुक्त आदेश निर्गत किया गया है। गत 16 जनवरी को डीएम श्री लिंगम ने जिला कार्यक्रम अधिकारी लतिका सिंह की सत्यनिष्ठा संदिग्ध बताते हुए उन्हें नोटिस देकर उनसे स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने डीपीओ के कार्य को वित्तीय अनियमितता करार देते हुए उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट प्रेषित किए जाने की चेतावनी दी है।
शासनादेश के तहत किया चयन
औरैया। महाराजपुर और खरगपुर आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यकत्रियों के चयन को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब में जिला कार्यक्रम अधिकारी लतिका सिंह ने कहा कि उन्होंने उक्त केंद्रों पर शासनादेश के अनुसार ही कार्यकत्रियों का चयन किया है। उन्होंने बताया कि प्रथम नियुक्ति के गलत साबित हो जाने के बाद नियमानुसार वरीयता क्रम में दूसरे आवेदक का चयन किया जाता है। उन्होंने भी वही किया। बिना अनुमोदन के चयन के संबंध में डीपीओ श्रीमती सिंह का कहना था कि वरीयता के अनुसार चयन में अनुमोदन प्रक्रिया आवश्यक नहीं है।