बिधूना (औरैया)। नगर के मोहल्ला नवीन बस्ती में छप्पर में आग लगने से छह पशु जिंदा जल मरे। करीब एक लाख रुपये की क्षति का अनुमान है। आग कैसे लगी, यह साफ नहीं हो सका है।
गांव निवासी लक्ष्मीकांत पुत्र प्रभूदयाल के घर के बाहर रखे छप्पर में एक गाय, चार बछड़े एक बछिया बंधे थे। रात में छप्पर में आग लग गई। इस दौरान लक्ष्मीकांत घर में सो रहे थे। जानवरों के चिल्लाने पर जब उनकी आंख खुली तो वह घर से बाहर आए। आग की लपटों को देखते ही उन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया। इससे गांव में कोहराम मच गया। लोग बाल्टियों में पानी भरकर आग बुझाने में जुट गए लेकिन जब तक आग बुझ पाई तब तक छप्पर में बंधे जानवर जिंदा जलकर मर चुके थे।
बिधूना (औरैया)। नगर के मोहल्ला नवीन बस्ती में छप्पर में आग लगने से छह पशु जिंदा जल मरे। करीब एक लाख रुपये की क्षति का अनुमान है। आग कैसे लगी, यह साफ नहीं हो सका है।
गांव निवासी लक्ष्मीकांत पुत्र प्रभूदयाल के घर के बाहर रखे छप्पर में एक गाय, चार बछड़े एक बछिया बंधे थे। रात में छप्पर में आग लग गई। इस दौरान लक्ष्मीकांत घर में सो रहे थे। जानवरों के चिल्लाने पर जब उनकी आंख खुली तो वह घर से बाहर आए। आग की लपटों को देखते ही उन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया। इससे गांव में कोहराम मच गया। लोग बाल्टियों में पानी भरकर आग बुझाने में जुट गए लेकिन जब तक आग बुझ पाई तब तक छप्पर में बंधे जानवर जिंदा जलकर मर चुके थे।