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यूरिया के साथ टैगिंग की तो नपेंगे दुकानदार
AmbedkarNagar
Updated Tue, 29 Jan 2013 05:30 AM IST
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अंबेडकरनगर। किसानों को खाद संकट से निजात दिलाने के लिए कृषि विभाग ने तत्काल प्रभाव से जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम की स्थापना की है। इसमें उर्वरकों से संबंधित शिकायतों का संज्ञान लिया जाएगा। इसके साथ ही विभाग ने उर्वरक विक्रेताओं को सख्त चेतावनी दी है कि यदि किसी उर्वरक के साथ दूसरे उर्वरक की टैगिंग की गई, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। खाद संकट को लेकर जिले के किसान पिछले काफी समय से जूझ रहे हैं। कभी समितियों पर खाद न मिलने, तो कभी निजी दुकानदारों द्वारा मनमानी करने का मामला सामने आता रहता है। इस बीच प्रशासन ने किसान हितों के मद्देनजर प्रभावी कदम उठाया है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि तत्काल प्रभाव से उनके कार्यालय में एक उर्वरक कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है। 05271-245680 पर फोन पर कर किसान अपनी समस्या सुबह 10 बजे से सायं साढ़े 5 बजे तक दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए कर्मचारियों की ड्यूटी भी तय कर दी गई है। जिला कृषि अधिकारी ने विभिन्न खाद एजेंसियों व विक्रेताओं को भेजे पत्र में कहा है कि कुछ शिकायतें मिली हैं कि यूरिया व अन्य उर्वरकों की बिक्री के साथ जिंक सल्फेट व अन्य जैव उत्पाद की टैगिंग की जा रही है। यह उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 का उल्लंघन है। कहा कि जिले में टैगिंग पूर्णतया: प्रतिबंधित की जाती है। यदि इसका कहीं भी उल्लंघन होता मिला, तो आवश्यक वस्तु अधिनियम व उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अंबेडकरनगर। किसानों को खाद संकट से निजात दिलाने के लिए कृषि विभाग ने तत्काल प्रभाव से जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम की स्थापना की है। इसमें उर्वरकों से संबंधित शिकायतों का संज्ञान लिया जाएगा। इसके साथ ही विभाग ने उर्वरक विक्रेताओं को सख्त चेतावनी दी है कि यदि किसी उर्वरक के साथ दूसरे उर्वरक की टैगिंग की गई, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। खाद संकट को लेकर जिले के किसान पिछले काफी समय से जूझ रहे हैं। कभी समितियों पर खाद न मिलने, तो कभी निजी दुकानदारों द्वारा मनमानी करने का मामला सामने आता रहता है। इस बीच प्रशासन ने किसान हितों के मद्देनजर प्रभावी कदम उठाया है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि तत्काल प्रभाव से उनके कार्यालय में एक उर्वरक कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है। 05271-245680 पर फोन पर कर किसान अपनी समस्या सुबह 10 बजे से सायं साढ़े 5 बजे तक दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए कर्मचारियों की ड्यूटी भी तय कर दी गई है। जिला कृषि अधिकारी ने विभिन्न खाद एजेंसियों व विक्रेताओं को भेजे पत्र में कहा है कि कुछ शिकायतें मिली हैं कि यूरिया व अन्य उर्वरकों की बिक्री के साथ जिंक सल्फेट व अन्य जैव उत्पाद की टैगिंग की जा रही है। यह उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 का उल्लंघन है। कहा कि जिले में टैगिंग पूर्णतया: प्रतिबंधित की जाती है। यदि इसका कहीं भी उल्लंघन होता मिला, तो आवश्यक वस्तु अधिनियम व उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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