अंबेडकरनगर। गरीबों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत स्मार्टकार्ड बनाने का कार्य जनपद में गति नहीं पकड़ पा रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तीन दिन में 11 हजार 528 लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 2069 स्मार्टकार्ड ही बनाए जा सके हैं। कार्ड बनाए जाने की गति धीमी होने के पीछे इसमें लगे एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी कर्मचारियों की लापरवाही मुख्य कारण बन रहा है। हालत यह है कि इस कार्य में लगाई गई 43 मशीनें पात्रों का इंतजार करती रहती हैं।
लंबे इंतजार के बाद जनपद में बीपीएल कार्डधारकों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए स्मार्टकार्ड बनाए जाने का कार्य 22 जनवरी से प्रारंभ हुआ। स्मार्टकार्ड बनाने की जिम्मेदारी मेडसेफ कंपनी को सौंपी गई। जनपद के 2 लाख 4 हजार 936 बीपीएल परिवार का कार्ड बनाने का कार्य शीघ्र निपटाए जाने के लिए कुल 43 मशीनें लगाई गईं। इसके अलावा योजना का अधिक से अधिक लाभ समय पर पात्रों को दिलाने के लिए इस कार्य में आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी कर्मचारियों को भी लगाया गया। एक मार्च से जनपद में चयनित चिकित्सालयों में पात्रों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए स्मार्ट कार्ड बनाए जाने का 28 फरवरी तक पूर्ण कर लिए जाने का लक्ष्य दिया गया। हालांकि प्रचार-प्रसार के अभाव में यह कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है।
प्रथम चरण में अकबरपुर विकास खंड में 39 हजार 937 बीपीएल परिवारों का स्मार्टकार्ड बनाने का कार्य 22 जनवरी से प्रारंभ किया गया। कार्य की गति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 22 जनवरी को 3,997 बीपीएल परिवारों का स्मार्टकार्ड बनाए जाने का लक्ष्य था, लेकिन मात्र 541 लोगों के ही कार्ड बन सके। इसी प्रकार 23 जनवरी को 3,487 के सापेक्ष 589 तथा 24 जनवरी को 4,044 के सापेक्ष मात्र 939 बीपीएल परिवारों के ही कार्ड बन सके। इस प्रकार तीन दिनों में 11,528 के सापेक्ष मात्र 2,069 का ही स्मार्टकार्ड बने है।