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अंबेडकरनगर। जिले में पिछड़ी व अनुसूचित जाति के 21 हजार 571 छात्र-छात्राओं के वजीफे के लिए शासन द्वारा धन ही उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। इनमें पिछड़ी जाति के 21 हजार 534 तो अनुसूचित जाति के 37 छात्र-छात्राएं हैं। इसके अलावा जिन छात्र-छात्राओं में छात्रवृत्ति वितरण के लिए धन उपलब्ध कराया भी गया है, उनको भी विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते लाभ नहीं मिल पा रहा है। नतीजतन वजीफा न मिलने से छात्र-छात्राओं समेत उनके अभिभावकाें में व्यापक रोष है।
जिले के विभिन्न विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को वजीफा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके पीछे न सिर्फ शासन, वरन प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है। नया शिक्षा सत्र प्रारंभ हुए सात माह बीतने को है, लेकिन अभी तक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी है। हालत यह है कि पिछड़ी व अनुसूचित जाति के 21 हजार 571 छात्र-छात्राओं में वजीफा के वितरण के लिए शासन द्वारा धन ही उपलब्ध नहीं कराया गया है। जिले में पिछड़ी जाति के कुल 2 लाख 57 हजार 983 छात्र-छात्राएं विभिन्न विद्यालयों में अध्ययनरत हैं। वजीफा के लिए 9 करोड़ 71 लाख 45 हजार रुपये शासन द्वारा उपलब्ध कराया गया। 2 लाख 36 हजार 449 छात्र-छात्राओं में वितरण के लिए विभिन्न क्षेत्रों के ग्राम प्रधान व प्रधानाध्यापकों के खाते में धन भेज दिया गया। लेकिन शेष 21 हजार 534 छात्र-छात्राओं के लिए शासन द्वारा धन अभी तक उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। इसी प्रकार 11 हजार 286 अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के सापेक्ष मात्र 11 हजार 249 छात्र-छात्राओं के लिए 80 लाख 95 हजार रुपये शासन द्वारा भेजा गया है। शेष 37 छात्र-छात्राओं के लिए धन नहीं उपलब्ध हो सका है। खास बात यह है कि जिन छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरण के लिए शासन द्वारा धन उपलब्ध कराया गया है, उनको भी संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के चलते अभी तक लाभ नहीं मिल सका है।
अंबेडकरनगर। जिले में पिछड़ी व अनुसूचित जाति के 21 हजार 571 छात्र-छात्राओं के वजीफे के लिए शासन द्वारा धन ही उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। इनमें पिछड़ी जाति के 21 हजार 534 तो अनुसूचित जाति के 37 छात्र-छात्राएं हैं। इसके अलावा जिन छात्र-छात्राओं में छात्रवृत्ति वितरण के लिए धन उपलब्ध कराया भी गया है, उनको भी विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते लाभ नहीं मिल पा रहा है। नतीजतन वजीफा न मिलने से छात्र-छात्राओं समेत उनके अभिभावकाें में व्यापक रोष है।
जिले के विभिन्न विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को वजीफा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके पीछे न सिर्फ शासन, वरन प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है। नया शिक्षा सत्र प्रारंभ हुए सात माह बीतने को है, लेकिन अभी तक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी है। हालत यह है कि पिछड़ी व अनुसूचित जाति के 21 हजार 571 छात्र-छात्राओं में वजीफा के वितरण के लिए शासन द्वारा धन ही उपलब्ध नहीं कराया गया है। जिले में पिछड़ी जाति के कुल 2 लाख 57 हजार 983 छात्र-छात्राएं विभिन्न विद्यालयों में अध्ययनरत हैं। वजीफा के लिए 9 करोड़ 71 लाख 45 हजार रुपये शासन द्वारा उपलब्ध कराया गया। 2 लाख 36 हजार 449 छात्र-छात्राओं में वितरण के लिए विभिन्न क्षेत्रों के ग्राम प्रधान व प्रधानाध्यापकों के खाते में धन भेज दिया गया। लेकिन शेष 21 हजार 534 छात्र-छात्राओं के लिए शासन द्वारा धन अभी तक उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। इसी प्रकार 11 हजार 286 अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के सापेक्ष मात्र 11 हजार 249 छात्र-छात्राओं के लिए 80 लाख 95 हजार रुपये शासन द्वारा भेजा गया है। शेष 37 छात्र-छात्राओं के लिए धन नहीं उपलब्ध हो सका है। खास बात यह है कि जिन छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरण के लिए शासन द्वारा धन उपलब्ध कराया गया है, उनको भी संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के चलते अभी तक लाभ नहीं मिल सका है।