अंबेडकरनगर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के गृहजनपद का जिला चिकित्सालय ही कर्मचारियों के संकट से जूझ रहा है। 300 शैय्या वाले जिला चिकित्सालय में मात्र 16 पुरुष चिकित्सक व 2 महिला चिकित्सक हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के कुल 62 पद सृजित हैं, लेकिन मात्र 10 कर्मचारियों की ही तैनाती है। चिकित्सालय भवन में स्थित महिला चिकित्सालय में कहने को तो 11 कर्मचारियों के पद हैं, लेकिन यहां एक भी कर्मचारी की तैनाती नहीं की है। ऐसे में मरीजों व उनके तीमारदारों को कितनी सुविधा मिलती होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
जिला चिकित्सालय पहले 100 शैय्या वाला था। इसके लिए यहां पुरुष चिकित्सक के 21 पद व महिला चिकित्सक के 12 पद सृजित हैं। हालांकि कभी भी पूरा स्टाफ चिकित्सालय में नहीं पहुंच सका। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने जिला चिकित्सालय का विस्तारीकरण करते हुए 200 शैय्या के निर्माण की घोषणा की। वर्ष 2011 में इसका शुभारंभ भी कर दिया गया। इसमें नए स्टाफ की तैनाती की बात दूर, पुराने रिक्त पदों को भी भरने की सुध नहीं ली गई। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मौजूदा समय में यहां मात्र 16 पुरुष चिकित्सक ही मौजूद हैं। नेत्र सर्जन डॉ. ओंकारनाथ को प्रभारी सीएमएस बनाया गया है। इसके अलावा महिला चिकित्सक के कुल 11 पद हैं, इनमें मात्र दो चिकित्सक ही तैनात हैं।
अंबेडकरनगर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के गृहजनपद का जिला चिकित्सालय ही कर्मचारियों के संकट से जूझ रहा है। 300 शैय्या वाले जिला चिकित्सालय में मात्र 16 पुरुष चिकित्सक व 2 महिला चिकित्सक हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के कुल 62 पद सृजित हैं, लेकिन मात्र 10 कर्मचारियों की ही तैनाती है। चिकित्सालय भवन में स्थित महिला चिकित्सालय में कहने को तो 11 कर्मचारियों के पद हैं, लेकिन यहां एक भी कर्मचारी की तैनाती नहीं की है। ऐसे में मरीजों व उनके तीमारदारों को कितनी सुविधा मिलती होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
जिला चिकित्सालय पहले 100 शैय्या वाला था। इसके लिए यहां पुरुष चिकित्सक के 21 पद व महिला चिकित्सक के 12 पद सृजित हैं। हालांकि कभी भी पूरा स्टाफ चिकित्सालय में नहीं पहुंच सका। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने जिला चिकित्सालय का विस्तारीकरण करते हुए 200 शैय्या के निर्माण की घोषणा की। वर्ष 2011 में इसका शुभारंभ भी कर दिया गया। इसमें नए स्टाफ की तैनाती की बात दूर, पुराने रिक्त पदों को भी भरने की सुध नहीं ली गई। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मौजूदा समय में यहां मात्र 16 पुरुष चिकित्सक ही मौजूद हैं। नेत्र सर्जन डॉ. ओंकारनाथ को प्रभारी सीएमएस बनाया गया है। इसके अलावा महिला चिकित्सक के कुल 11 पद हैं, इनमें मात्र दो चिकित्सक ही तैनात हैं।