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सीएए के विरोध में मंसूर अली पार्क में 70 दिनों से जारी धरने को लेकर शनिवार को स्थिति तनावपूर्ण हो गई। भारी फोर्स के साथ एसपी सिटी, एडीएम सिटी देर रात तक वहां डटे रहे। वह आंदोलन खत्म करने के लिए लगातार दबाव बनाते रहे। आंदोलन की अगुवाई करने वाली कई महिलाओं ने भी अपील की लेकिन एक वर्ग अब भी धरने पर अड़ा हुआ है। उनका कहना है कि 10 महिलाएं ही धरना देंगी लेकिन आंदोलन खत्म नहीं होगा। इसे लेकर विवाद भी हुआ। इस पूरी कवायद के दौरान देर रात तक बड़ी संख्या में लोग भी वहां मौजूद रहे। उधर तनाव को देखते मौके पर भारी फोर्स बुला ली गई, जिससे पूरा इलाका छावनी में तब्दील रहा।
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए धरना खत्म करने के लिए प्रशासन की ओर से लगातार वार्ता की जा रही है। शनिवार को भी एसपी सिटी बृजेश कुमार श्रीवास्तव सीओ तथा अन्य अफसरों के साथ दिन में आंदोलनकारियों को मनाने पहुंचे। इस दौरान भारी संख्या में फोर्स भी मौजूद रही। इनके अलावा केके राय, अविनाश मिश्रा समेत अनेक लोग भी मौजूद रहे। अफसराें के अलावा इन लोगों ने भी आंदोलन खत्म करने की अपील की। अफसरों की वार्ता के बाद आंदोलन की अगुवाई करने वाली कई महिलाओं तथा अन्य लोगों ने भी धरना खत्म करने की बात कही लेकिन महिलाओं का एक वर्ग पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हुआ। महिलाओं के इस रुख को देखते हुए एसपी सिटी वापस हो गए लेकिन रात में उन्होंने फिर मनाने की कोशिश की। उनके साथ एडीएम सिटी अशोक कनौजिया व अन्य प्रशासनिक अफसर भी मौजूद रहे। साथ ही कई थानों की फोर्स रही, जिसमें महिला पुलिस भी शामिल रहीं। फोर्स की मौजूदगी को देखते हुए बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भी पार्क को चारों तरफ से घेर लिया था। पार्क के गेट पर लगी बेरिकेडिंग के पास खड़े युवकों ने फोर्स को भीतर जाने से भी रोकने की कोशिश की। आंदोलनकारियों तथा अफसरों के बीच देर तक वार्ता जारी रही लेकिन महिलाओं का एक वर्ग धरना खत्म करने के लिए तैयार नहीं था तथा तनाव बना रहा। महिलाओं का कहना था कि वह स्वास्थ्य विभाग की पूरी गाइडलाइन का पालन करने के लिए तैयार हैं। भीड़ एकत्रित न हो इसलिए उन्होंने 10 महिलाओं के ही धरने में शामिल होने की बात कही लेकिन पीछे हटने को तैयार नहीं हुईं।
पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार
मंसूर अली पार्क में कुछ लोगों ने पत्रकारों के साथ भी दुर्व्यवहार किया। धरना जारी रखने को लेकर आंदोलनकारियों में मतभेद हो गया है। कई लोगों ने आंदोलन के नाम पर चंदा वसूली के भी गंभीर आरोप भी लगाए। इस बाबत सवाल पूछे जाने से नाराज एक युवक ने पत्रकारों से दुर्व्यवहार शुरू कर दिया। पुलिस ने मामले को संभाला।
कोरोना के संक्रमण का खतरा है, ऐसे में प्रदर्शनकारियों से धरना खत्म करने की अपील की जा रही है। उन्हें लगातार समझाया जा रहा है। पुलिस के साथ ही प्रशासनिक अफसर भी वार्ता में लगे हुए हैं।
बृजेश कुमार श्रीवास्तव, एसपी सिटी
a group of women adamant on standing officers stayed till late night- फोटो : CITY DESK
सीएए के विरोध में मंसूर अली पार्क में 70 दिनों से जारी धरने को लेकर शनिवार को स्थिति तनावपूर्ण हो गई। भारी फोर्स के साथ एसपी सिटी, एडीएम सिटी देर रात तक वहां डटे रहे। वह आंदोलन खत्म करने के लिए लगातार दबाव बनाते रहे। आंदोलन की अगुवाई करने वाली कई महिलाओं ने भी अपील की लेकिन एक वर्ग अब भी धरने पर अड़ा हुआ है। उनका कहना है कि 10 महिलाएं ही धरना देंगी लेकिन आंदोलन खत्म नहीं होगा। इसे लेकर विवाद भी हुआ। इस पूरी कवायद के दौरान देर रात तक बड़ी संख्या में लोग भी वहां मौजूद रहे। उधर तनाव को देखते मौके पर भारी फोर्स बुला ली गई, जिससे पूरा इलाका छावनी में तब्दील रहा।
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए धरना खत्म करने के लिए प्रशासन की ओर से लगातार वार्ता की जा रही है। शनिवार को भी एसपी सिटी बृजेश कुमार श्रीवास्तव सीओ तथा अन्य अफसरों के साथ दिन में आंदोलनकारियों को मनाने पहुंचे। इस दौरान भारी संख्या में फोर्स भी मौजूद रही। इनके अलावा केके राय, अविनाश मिश्रा समेत अनेक लोग भी मौजूद रहे। अफसराें के अलावा इन लोगों ने भी आंदोलन खत्म करने की अपील की। अफसरों की वार्ता के बाद आंदोलन की अगुवाई करने वाली कई महिलाओं तथा अन्य लोगों ने भी धरना खत्म करने की बात कही लेकिन महिलाओं का एक वर्ग पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हुआ। महिलाओं के इस रुख को देखते हुए एसपी सिटी वापस हो गए लेकिन रात में उन्होंने फिर मनाने की कोशिश की। उनके साथ एडीएम सिटी अशोक कनौजिया व अन्य प्रशासनिक अफसर भी मौजूद रहे। साथ ही कई थानों की फोर्स रही, जिसमें महिला पुलिस भी शामिल रहीं। फोर्स की मौजूदगी को देखते हुए बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भी पार्क को चारों तरफ से घेर लिया था। पार्क के गेट पर लगी बेरिकेडिंग के पास खड़े युवकों ने फोर्स को भीतर जाने से भी रोकने की कोशिश की। आंदोलनकारियों तथा अफसरों के बीच देर तक वार्ता जारी रही लेकिन महिलाओं का एक वर्ग धरना खत्म करने के लिए तैयार नहीं था तथा तनाव बना रहा। महिलाओं का कहना था कि वह स्वास्थ्य विभाग की पूरी गाइडलाइन का पालन करने के लिए तैयार हैं। भीड़ एकत्रित न हो इसलिए उन्होंने 10 महिलाओं के ही धरने में शामिल होने की बात कही लेकिन पीछे हटने को तैयार नहीं हुईं।
पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार
मंसूर अली पार्क में कुछ लोगों ने पत्रकारों के साथ भी दुर्व्यवहार किया। धरना जारी रखने को लेकर आंदोलनकारियों में मतभेद हो गया है। कई लोगों ने आंदोलन के नाम पर चंदा वसूली के भी गंभीर आरोप भी लगाए। इस बाबत सवाल पूछे जाने से नाराज एक युवक ने पत्रकारों से दुर्व्यवहार शुरू कर दिया। पुलिस ने मामले को संभाला।
कोरोना के संक्रमण का खतरा है, ऐसे में प्रदर्शनकारियों से धरना खत्म करने की अपील की जा रही है। उन्हें लगातार समझाया जा रहा है। पुलिस के साथ ही प्रशासनिक अफसर भी वार्ता में लगे हुए हैं।
बृजेश कुमार श्रीवास्तव, एसपी सिटी
a group of women adamant on standing officers stayed till late night- फोटो : CITY DESK