इलाहाबाद। धूमनगंज की सैनिक कालोनी में मोबाइल टावर लगाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। जालसाजों ने टावर लगाने के नाम पर रिटायर्ड फौजी से 80 हजार रुपये वसूल लिए। रुपये अंबाला के एक एकाउंट में ट्रांसफर हुए। ठगी का खुलासा होने पर फौजी ने मुकदमा दर्ज करा दिया। एसओ के मुताबिक, गिरोह ने यह खेल खेला है। कई और लोग जालसाजी का शिकार हुए हैं। हालांकि अभी वह थाने नहीं पहुंचे हैं।
सैनिक कालोनी के रहने वाले बिंदू लाल रिटायर्ड फौजी हैं। तीन महीने पहले उन्होंने किसी अखबार में विज्ञापन पढ़ा कि हरियाणा की कोई कंपनी इलाहाबाद में मोबाइल टावर लगाना चाहती है। उसमें 30 से 50 हजार किराए की बात लिखी गई थी। बिंदू लाल ने विज्ञापन में लिखे मोबाइल नंबर पर बात की। अंबाला के किसी अशोक शर्मा ने फोन उठाया और कहा कि वह अपने मकान के कागजातों की फोटोस्टेट कॉपी भेज दें। कंपनी जांच के बाद जवाब देगी। कुछ दिनों बाद बिंदू लाल को बताया गया कि कंपनी एग्रीमेंट के लिए तैयार है। घर पर 15 लाख का सेटअप लगाया जाएगा। इस बीच बिंदू लाल से एग्रीमेंट के नाम पर तकरीबन 80 हजार रुपये अलग-अलग खातों में जमा कराए गए। दिन बीतते गए फ्राड कंपनी की ओर से टालमटोल वाला रवैया जारी रहा। कुछ दिन पहले मोबाइल नंबर बंद हो गया तो बिंदू लाल को शक हुआ। उन्होंने खोजबीन की। पता चला कि उस नाम की कोई कंपनी ही नहीं है न कोई दफ्तर। रविवार रात उन्होंने धूमनगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। एसओ धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कॉल डीटेल्स से पता चला है कि फ्राड ने मोबाइल से बिंदू लाल से बात की है। साफ है कि उसने वह सिम सिर्फ जालसाजी के लिए लिया था।
इलाहाबाद। धूमनगंज की सैनिक कालोनी में मोबाइल टावर लगाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। जालसाजों ने टावर लगाने के नाम पर रिटायर्ड फौजी से 80 हजार रुपये वसूल लिए। रुपये अंबाला के एक एकाउंट में ट्रांसफर हुए। ठगी का खुलासा होने पर फौजी ने मुकदमा दर्ज करा दिया। एसओ के मुताबिक, गिरोह ने यह खेल खेला है। कई और लोग जालसाजी का शिकार हुए हैं। हालांकि अभी वह थाने नहीं पहुंचे हैं।
सैनिक कालोनी के रहने वाले बिंदू लाल रिटायर्ड फौजी हैं। तीन महीने पहले उन्होंने किसी अखबार में विज्ञापन पढ़ा कि हरियाणा की कोई कंपनी इलाहाबाद में मोबाइल टावर लगाना चाहती है। उसमें 30 से 50 हजार किराए की बात लिखी गई थी। बिंदू लाल ने विज्ञापन में लिखे मोबाइल नंबर पर बात की। अंबाला के किसी अशोक शर्मा ने फोन उठाया और कहा कि वह अपने मकान के कागजातों की फोटोस्टेट कॉपी भेज दें। कंपनी जांच के बाद जवाब देगी। कुछ दिनों बाद बिंदू लाल को बताया गया कि कंपनी एग्रीमेंट के लिए तैयार है। घर पर 15 लाख का सेटअप लगाया जाएगा। इस बीच बिंदू लाल से एग्रीमेंट के नाम पर तकरीबन 80 हजार रुपये अलग-अलग खातों में जमा कराए गए। दिन बीतते गए फ्राड कंपनी की ओर से टालमटोल वाला रवैया जारी रहा। कुछ दिन पहले मोबाइल नंबर बंद हो गया तो बिंदू लाल को शक हुआ। उन्होंने खोजबीन की। पता चला कि उस नाम की कोई कंपनी ही नहीं है न कोई दफ्तर। रविवार रात उन्होंने धूमनगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। एसओ धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कॉल डीटेल्स से पता चला है कि फ्राड ने मोबाइल से बिंदू लाल से बात की है। साफ है कि उसने वह सिम सिर्फ जालसाजी के लिए लिया था।