इलाहाबाद। मालगाड़ियों के लिए प्रस्तावित पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के कानपुर-खुर्जा सेक्शन के निर्माण का कार्य जल्द शुरू होने जा रहा है। 343 किमी लंबी दोहरीलाइन वाले इस सेक्शन को बनाने के लिए टाटा को ठेका मिल गया है। टाटा प्रोजेक्ट्स इंडिया स्पेन की अल्डेसा के साथ मिलकर कार्य करेगा। इस पर 33 सौ करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेड कॉरीडोर के निर्माण के लिए यह पहला बड़ा ठेका है। इसके पहले सोनपुर से मुगलसराय के बीच रेलवे खुद की रकम से कार्य कर रहा है। कानपुर-खुर्जा के लिए वित्तीय मदद विश्व बैंक ने की है। इस प्रोजेक्ट के लिए 10 कंपनियों ने टेंडर भरे थे लेकिन टाटा प्रोजेक्ट्स ने बाजी मार ली। इस कार्य को चार वर्ष में पूरा करना है। सूत्र बताते हैं कि 343 किमी लंबे सेक्शन को तीन हिस्सों में बांटा गया था। तीनों पैकेज टाटा ने हासिल किए हैं। यह सेक्शन लुधियाना-दानकुनी के 1839 किमी लंबे कॉरीडोर का हिस्सा है। इस कॉरीडोर के मुगलसराय से लुधियाना के सेक्शन को विश्व बैंक वित्तीय मदद मुहैया करा रहा है। पहले चरण में कानपुर-खुर्जा सेक्शन है। दूसरे चरण में कानपुर-इलाहाबाद-मुगलसराय सेक्शन का निर्माण किया जाना है। डीएफसीसी के मैनेजर राजेश खरे के मुताबिक जल्द ही दूसरे चरण की टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इलाहाबाद। मालगाड़ियों के लिए प्रस्तावित पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के कानपुर-खुर्जा सेक्शन के निर्माण का कार्य जल्द शुरू होने जा रहा है। 343 किमी लंबी दोहरीलाइन वाले इस सेक्शन को बनाने के लिए टाटा को ठेका मिल गया है। टाटा प्रोजेक्ट्स इंडिया स्पेन की अल्डेसा के साथ मिलकर कार्य करेगा। इस पर 33 सौ करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेड कॉरीडोर के निर्माण के लिए यह पहला बड़ा ठेका है। इसके पहले सोनपुर से मुगलसराय के बीच रेलवे खुद की रकम से कार्य कर रहा है। कानपुर-खुर्जा के लिए वित्तीय मदद विश्व बैंक ने की है। इस प्रोजेक्ट के लिए 10 कंपनियों ने टेंडर भरे थे लेकिन टाटा प्रोजेक्ट्स ने बाजी मार ली। इस कार्य को चार वर्ष में पूरा करना है। सूत्र बताते हैं कि 343 किमी लंबे सेक्शन को तीन हिस्सों में बांटा गया था। तीनों पैकेज टाटा ने हासिल किए हैं। यह सेक्शन लुधियाना-दानकुनी के 1839 किमी लंबे कॉरीडोर का हिस्सा है। इस कॉरीडोर के मुगलसराय से लुधियाना के सेक्शन को विश्व बैंक वित्तीय मदद मुहैया करा रहा है। पहले चरण में कानपुर-खुर्जा सेक्शन है। दूसरे चरण में कानपुर-इलाहाबाद-मुगलसराय सेक्शन का निर्माण किया जाना है। डीएफसीसी के मैनेजर राजेश खरे के मुताबिक जल्द ही दूसरे चरण की टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।