इलाहाबाद। भीषण ठंड से निबटने के लिए नगर निगम ने अलाव की व्यवस्था अब तक नहीं की है। शीतलहर और कोहरे के कारण राहगीर और सड़क, चौराहों के किनारे रात गुजारने वाले गरीबों की हालत खराब है। कई राजनीति और सामाजिक संगठनों के साथ पार्षद नगर निगम से अलाव जलवाने की मांग कर रहे हैं। सोमवार को नगर निगम सदन की बैठक में भी यह मामला उठा लेकिन निगम के पास अलाव के लिए लकड़ी की व्यवस्था ही नहीं है।
ठंड शुरू होने के पहले नगर निगम अलाव के लिए लकड़ी की व्यवस्था कर लेता था लेकिन इस बार निगम ने ध्यान नहीं दिया, जबकि महाकुंभ के मद्देनजर एक जनवरी से शहर में श्रद्धालुओं का भी आना शुरू हो जाएगा। सप्ताह भर पहले नगर निगम ने दावा किया था कि इलाहाबाद जंक्शन सिटी एवं सिविल लाइंस साइड, दारागंज स्टेशन तथा सिविल लाइंस, जीरो रोड और लीडर रोड बस अड्डों के पास अलाव की व्यवस्था कर दी गई है लेकिन उसके बाद वहां लकड़ी नहीं पहुंची। अलाव जलवाने की मांग पर कई राजनीतिक और सामाजिक संगठन नगर निगम कार्यालय पर धरना दे चुके हैं। नगर आयुक्त का पुतला भी फूंका जा चुका है लेकिन निगम ने समय रहते अलाव के लिए लकड़ी की व्यवस्था नहीं की।
सोमवार को निगम सदन की बैठक में भी पार्षदों ने अलाव का मुद्दा जोरदारी उठाया। पार्षद शिव सेवक सिंह ने काम रोको प्रस्ताव लाकर ठंड को देखते हुए तत्काल अलाव की व्यवस्था करने को कहा। पार्षद अतहर रजा लाडले, गिरीशंकर प्रभाकर ने भी अलाव की व्यवस्था और इसकी जिम्मेदारी जेडओ को देने की मांग की थी। इस पर महापौर अभिलाषा गुप्ता ने नगर आयुक्त आर विक्रम सिंह से जवाब मांगा तो उन्होंने बताया कि वन निगम से लकड़ी मांगी गई लेकिन उसने 960 रुपए क्विंटल की दर से देने को कहा, जबकि बाजार में 650 रुपए क्विंटल है। वन निगम से कम कीमत पर लकड़ी लेने का प्रयास किया जा रहा। बात नहीं बनी तो बाजार से लकड़ी खरीदकर एक-दो दिन में पूरे शहर में अलाव की व्यवस्था कर दी जाएगी।
इलाहाबाद। भीषण ठंड से निबटने के लिए नगर निगम ने अलाव की व्यवस्था अब तक नहीं की है। शीतलहर और कोहरे के कारण राहगीर और सड़क, चौराहों के किनारे रात गुजारने वाले गरीबों की हालत खराब है। कई राजनीति और सामाजिक संगठनों के साथ पार्षद नगर निगम से अलाव जलवाने की मांग कर रहे हैं। सोमवार को नगर निगम सदन की बैठक में भी यह मामला उठा लेकिन निगम के पास अलाव के लिए लकड़ी की व्यवस्था ही नहीं है।
ठंड शुरू होने के पहले नगर निगम अलाव के लिए लकड़ी की व्यवस्था कर लेता था लेकिन इस बार निगम ने ध्यान नहीं दिया, जबकि महाकुंभ के मद्देनजर एक जनवरी से शहर में श्रद्धालुओं का भी आना शुरू हो जाएगा। सप्ताह भर पहले नगर निगम ने दावा किया था कि इलाहाबाद जंक्शन सिटी एवं सिविल लाइंस साइड, दारागंज स्टेशन तथा सिविल लाइंस, जीरो रोड और लीडर रोड बस अड्डों के पास अलाव की व्यवस्था कर दी गई है लेकिन उसके बाद वहां लकड़ी नहीं पहुंची। अलाव जलवाने की मांग पर कई राजनीतिक और सामाजिक संगठन नगर निगम कार्यालय पर धरना दे चुके हैं। नगर आयुक्त का पुतला भी फूंका जा चुका है लेकिन निगम ने समय रहते अलाव के लिए लकड़ी की व्यवस्था नहीं की।
सोमवार को निगम सदन की बैठक में भी पार्षदों ने अलाव का मुद्दा जोरदारी उठाया। पार्षद शिव सेवक सिंह ने काम रोको प्रस्ताव लाकर ठंड को देखते हुए तत्काल अलाव की व्यवस्था करने को कहा। पार्षद अतहर रजा लाडले, गिरीशंकर प्रभाकर ने भी अलाव की व्यवस्था और इसकी जिम्मेदारी जेडओ को देने की मांग की थी। इस पर महापौर अभिलाषा गुप्ता ने नगर आयुक्त आर विक्रम सिंह से जवाब मांगा तो उन्होंने बताया कि वन निगम से लकड़ी मांगी गई लेकिन उसने 960 रुपए क्विंटल की दर से देने को कहा, जबकि बाजार में 650 रुपए क्विंटल है। वन निगम से कम कीमत पर लकड़ी लेने का प्रयास किया जा रहा। बात नहीं बनी तो बाजार से लकड़ी खरीदकर एक-दो दिन में पूरे शहर में अलाव की व्यवस्था कर दी जाएगी।