अलीगढ़। एएमयू की रविवार को हुई बीटेक प्रवेश परीक्षा का पेपर लीक होने की आशंका है। परीक्षा में नाम बदल कर बैठे एक फर्जी अभ्यर्थी ने इलेक्ट्रानिक गैजेट्स की सहायता से परीक्षा के शुरुआती 15 मिनटों में कुछ प्रश्नों की तस्वीरें लखनऊ बैठे गिरोह के कंट्रोल रूम तक पहुंचा दीं। यहां से पेपर को सॉल्व करके परीक्षा में बैठे अन्य अभ्यर्थियों को डिक्टेट किया जाना था लेकिन अलीगढ़ में पकड़े गए इस गिरोह के सदस्य के बाद सारी प्लानिंग चौपट हो गई। पकडे़ गए हाईटैक मुन्नाभाई को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। गौरतलब है कि जनवरी माह में एम्स में एमडी की प्रवेश परीक्षा में भी मुन्नाभाइयों ने इसी तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया था। डिप्टी प्रॉक्टर डा. नैयर आसिफ ने बताया कि बिहार के गोपालगंज में गांव दिपहौटी निवासी मेराज पुत्र अली हसन एएमयू बीटेक की प्रवेश परीक्षा में जीशान के नाम से बैठा था। मेराज का परीक्षा केंद्र कैंपस के भू-गर्भ विज्ञान विभाग में था। प्रवेश पत्र पर फोटो इसी का था। प्रश्नपत्र आने के बाद इसने रिस्ट वॉच में लगे एक वेबकैम से पेपर की तस्वीरें शरीर के साथ बांधी गई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की सहायता से लखनऊ के कपूरथला कांप्लेक्स स्थित कंट्रोल रूम भेजनी शुरू कर दीं। वहां पर सरगना राशिद लेपटॉप पर इमेजेज को कलेक्ट कर सॉल्वरों की सहायता से अन्य केंद्रों पर बैठे अभ्यर्थियों को डिक्टेट करने वाला था। मेराज के पकड़े जाने से सारी योजना धरी रह गई। संभव है कि सरगना ने पेपर के लीक हुए हिस्से का इस्तेमाल कर लिया हो। एएमयू से प्लस टू और बीटेक प्रथम वर्ष कर चुके मेराज ने बताया कि इस काम के लिए उसे 1 लाख रुपये मिलने थे। वह चेन्नई के एनआईटी से बीटेक कर रहा है। मेराज के भाई लखनऊ में ठेकेदार और पिता किसान हैं। बीटेक की प्रवेश परीक्षा में 43 परीक्षा केंद्रों पर 38 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी।
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