अलीगढ़। अल्लाह पर भरोसा और हालातों से जूझने की क्षमता ने आज इस्लाम उमरी के सपने को पूरा कर दिया। उनके बेटे रफीक उल इस्लाम ने आईआईटी जेईई में 560 वीं रैंक हासिल कर जिले में टॉप किया है। धार्मिक किताबें बेचकर पांच बेटों को पढ़ा रहे इस्लाम और उनके परिवार में बेटे की कामयाबी पर खुशी का माहौल है। शफीक का सपना अब सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में महारथ हासिल करना है। मेडिकल रोड निवासी शफीक उल इस्लाम ने बताया कि उन्होंने पिछली साल एएमयू से 12वीं उत्तीर्ण की। इसी साल आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में उन्होंने 8877 वीं रैंक हासिल की। एएमयू में कुछ दिन पढ़ाई करने के बाद शफीक ने नरायना क्लासेज में तैयारी की और इस वर्ष 560वीं ऑल इंडिया रैंक पाकर जिले में पहला स्थान प्राप्त किया। शफीक ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया। एएमयू में बीटेक कर रहे बडे़ भाई रफीक के साथ परिवार के सभी लोगों ने उनकी कामयाबी पर खुशी जताई।
अलीगढ़। अल्लाह पर भरोसा और हालातों से जूझने की क्षमता ने आज इस्लाम उमरी के सपने को पूरा कर दिया। उनके बेटे रफीक उल इस्लाम ने आईआईटी जेईई में 560 वीं रैंक हासिल कर जिले में टॉप किया है। धार्मिक किताबें बेचकर पांच बेटों को पढ़ा रहे इस्लाम और उनके परिवार में बेटे की कामयाबी पर खुशी का माहौल है। शफीक का सपना अब सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में महारथ हासिल करना है। मेडिकल रोड निवासी शफीक उल इस्लाम ने बताया कि उन्होंने पिछली साल एएमयू से 12वीं उत्तीर्ण की। इसी साल आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में उन्होंने 8877 वीं रैंक हासिल की। एएमयू में कुछ दिन पढ़ाई करने के बाद शफीक ने नरायना क्लासेज में तैयारी की और इस वर्ष 560वीं ऑल इंडिया रैंक पाकर जिले में पहला स्थान प्राप्त किया। शफीक ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया। एएमयू में बीटेक कर रहे बडे़ भाई रफीक के साथ परिवार के सभी लोगों ने उनकी कामयाबी पर खुशी जताई।