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अलीगढ़। इगलास के एक आईएएस अफसर (आंध प्रदेश कैडर) के पिता व प्रमुख पेट्रोलियम व्यापारी किशन स्वरूप बंसल से पचास लाख रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में इगलास पुलिस की दुहरी नीति उजागर हुई है। पुलिस जब उन रंगदारी मांगने वालों तक नहीं पहुंच सकी तो उन तीन-तीन सिम वितरकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जिन्होंने यह सिम बेची थीं और इन सिम विक्रेताओं का दोष महज इतना है कि अपना लक्ष्य पूरा करने के फेर में उन्होंने बिना आईडी के सिम बेच दीं।
इस संबंध में मंगलवार को प्रेसवार्ता में एसपी क्राइम शकीलुज्जमा ने बताया कि बेसवां निवासी किशन स्वरूप बंसल से 8 जून को फोन पर पचास लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। जिस नंबर से रंगदारी मांगी थी, वह नंबर 8171093279 नीलम पुत्री भगवानदास विदिरिका इगलास के नाम से था। उसकी गहराई से जांच की गई तो पता चला कि यह सिम सिम वितरक जयवीर निवासी हस्तपुर इगलास ने अपने मोबाइल से एक्टीवेट की और उसने इसी तरह कुल 40 सिम एक्टीवेट कर शिव निवासी गहलऊ गोंडा को बेचीं।
शिवा ने भी इन सिमों को अपने मोबाइल में चेक कर मुकेश निवासी जमनी थाना बल्देव मथुरा को बेच दीं। मुकेश ने उन्हें बिना आईडी के ग्राहकों को बेचा। यही आरोप जयवीर व शिवा पर है कि इन दोनों ने बिना आईडी के सिम बेची हैं। इस आधार पर पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया। एसपीआरए के अनुसार इन तीनों के खिलाफ धारा 420 व 120बी का मुकदमा दर्ज किया गया है। इधर, पुलिस सूत्र चार दिन से पुलिस इन चारों को थाने में लाकर पूछताछ कर रही थी। सूत्र बताते हैं कि मुकेश ने उस व्यक्ति की जानकारी दी थी, जिसको रंगदारी मांगने वाला नंबर बेचा गया था। मगर पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाई तो इन तीनों को जेल भेज दिया गया।
अलीगढ़। इगलास के एक आईएएस अफसर (आंध प्रदेश कैडर) के पिता व प्रमुख पेट्रोलियम व्यापारी किशन स्वरूप बंसल से पचास लाख रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में इगलास पुलिस की दुहरी नीति उजागर हुई है। पुलिस जब उन रंगदारी मांगने वालों तक नहीं पहुंच सकी तो उन तीन-तीन सिम वितरकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जिन्होंने यह सिम बेची थीं और इन सिम विक्रेताओं का दोष महज इतना है कि अपना लक्ष्य पूरा करने के फेर में उन्होंने बिना आईडी के सिम बेच दीं।
इस संबंध में मंगलवार को प्रेसवार्ता में एसपी क्राइम शकीलुज्जमा ने बताया कि बेसवां निवासी किशन स्वरूप बंसल से 8 जून को फोन पर पचास लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। जिस नंबर से रंगदारी मांगी थी, वह नंबर 8171093279 नीलम पुत्री भगवानदास विदिरिका इगलास के नाम से था। उसकी गहराई से जांच की गई तो पता चला कि यह सिम सिम वितरक जयवीर निवासी हस्तपुर इगलास ने अपने मोबाइल से एक्टीवेट की और उसने इसी तरह कुल 40 सिम एक्टीवेट कर शिव निवासी गहलऊ गोंडा को बेचीं।
शिवा ने भी इन सिमों को अपने मोबाइल में चेक कर मुकेश निवासी जमनी थाना बल्देव मथुरा को बेच दीं। मुकेश ने उन्हें बिना आईडी के ग्राहकों को बेचा। यही आरोप जयवीर व शिवा पर है कि इन दोनों ने बिना आईडी के सिम बेची हैं। इस आधार पर पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया। एसपीआरए के अनुसार इन तीनों के खिलाफ धारा 420 व 120बी का मुकदमा दर्ज किया गया है। इधर, पुलिस सूत्र चार दिन से पुलिस इन चारों को थाने में लाकर पूछताछ कर रही थी। सूत्र बताते हैं कि मुकेश ने उस व्यक्ति की जानकारी दी थी, जिसको रंगदारी मांगने वाला नंबर बेचा गया था। मगर पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाई तो इन तीनों को जेल भेज दिया गया।