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Chandrodaya Temple: नवंबर में बन जाएगा बुर्ज खलीफा से भी ऊंचा मंदिर, वृंदावन में चल रहा निर्माण कार्य
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Mon, 05 Jun 2023 07:25 PM IST
दुबई में बनी दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा से भी ऊंचा यह मंदिर 2022 में तैयार हो जाना था, लेकिन अब नवंबर में इसका निर्माण कार्या पूरा होने की संभावना जताई जा रही है।
मथुरा के वृंदावन में दुनिया में अब तक का सबसे विशाल, भव्य और ऊंचा मंदिर बनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर का नाम चन्द्रोदय मंदिर है। यह मंदिर कुतुब मीनार से भी तीन गुना ऊंचा होगा। इतना ही नहीं, इस मंदिर की नींव दुनिया की सबसे उंची इमारत बुर्ज खलीफा से भी तीन गुना गहरी होगी। भगवान कृष्ण की लीला भूमि पर बन रहे चन्द्रोदय मंदिर का पहला ब्लॉक बनकर तैयार हो गया है।
अखिलेश यादव ने किया था शिलान्यास
वृन्दावन-छटीकरा मार्ग स्थित अक्षय पात्र परिसर में आठ मार्च 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंदिर का शिलान्यास किया था। राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी ने 16 नवंबर 2014 को आधारशिला रखी थी। इसकॉन, बंगलौर द्वारा करीब 700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस मंदिर की कल्पना श्रील प्रभुपाद से 1972 में की थी जब वह भारत यात्रा के दौरान वृन्दावन आये थे।
मंदिर का पहला ब्लॉक बनकर तैयार हो चुका है। इसमें कृष्ण-राधा की मूर्ति भी स्थापित की जा चुकी हैं। 70 मंजिला मंदिर की ऊंचाई 210 मीटर होगी और यह एक पिरामिड के आकार में बनाया जा रहा है। यह मंदिर मोराक्को की हसन मस्जिद से भी ऊंचा होगा।
मंदिर की ऊंचाई 210 मीटर होने के चलते नींव पर विशेष ध्यान दिया गया है। नींव लगभग 55 मीटर गहरी रखी गई है तथा आधार 12 मीटर ऊंचा रखा गया है, जबकि दुबई स्थित दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा की नींव की गहराई 50 मीटर है।
गगनचुम्बी मंदिर की ऊंचाई का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि मंदिर के टॉप पर रखी जाने वाली टेलीस्कोप से आगरा के ताजमहल को देखा जा सकेगा। मंदिर से ताजमहल कि दूरी 80 किलोमीटर है। इमारत के प्रारंभिक तीन तलों पर चैतन्य महाप्रभु और राधा, कृष्ण बलराम के मंदिर होंगे। इसमें लगाई जाने वाली लिफ्ट की तीव्रता आठ मीटर प्रति दो सेकंड होगी।
द्रविड़, नागर और आधुनिक शैली में बनाये जा रहे मंदिर में 4डी तकनीक द्वारा देवलोक और देवलीलाओं के दर्शन भी किए जा सकेंगे। मंदिर के आसपास प्राकृतिक वनों का वातावरण तैयार किया जाएगा और यमुना जी का प्रतिरूप तैयार कर नौका विहार जैसी सुविधाएं भी होंगी।
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