पुलिस ने शाहगंज के पथौली से नकली सीमेंट बनाने की फैक्ट्री पकड़ी है। इसमें वाल पुट्टी बनाकर उसे नामी कंपनियों के नाम से बेचा जा रहा था। पुलिस ने फैक्ट्री से वाल पुट्टी के 70 कट्टे बरामद किए हैं। सीमेंट भी पकड़ा गया है। फैक्ट्री संचालक बोदला के दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। खंदौली और एत्दमाद्दौला में बेची गई 70 कट्टे वाल पुट्टी दुकानों से बरामद की गई है।
फैक्ट्री सनलाक के नाम से रजिस्टर्ड है। रजिस्ट्रेशन इसी नाम से वालपुट्टी बनाने का कराया गया। यहां वालपुट्टी बनाकर इसे बड़ी नामी कंपनियों के पैकेट में पैक कर दिया जाता था। उनके पैकेट और होलग्राम भी बनवा रखे थे। इसी तरह साधारण सीमेंट मंगाकर उसे नामी कंपनियों के पैकेट में पैक किया जाता था।
एक कंपनी के मैनेजर लाल सिंह ने इसकी शिकायत एसएसपी दिनेश चंद दुबे से की। लाल सिंह दिल्ली से अपनी टीम लेकर पहुंचे थे। उनके साथ एसएसपी ने पुलिस की टीम को भेजा। एसपी सिटी कुंवर अनुपम सिंह के नेतृत्व में छापामारी की गई। शाहगंज के पथौली में फैक्ट्री चलती मिली। यहां से एक कर्मचारी को हिरासत में लिया गया। उसने बताया कि फैक्ट्री मालिक के रिश्तेदारों की दुकानें एत्माद्दौला और खंदौली में है। वहां पर भी फैक्ट्री में बनी वालपुट्टी बेची जाती है। पुलिस ने दोनों जगह से कुल मिलाकर 70 कट्टे बरामद किए।
बोदला के हैं फैक्ट्री संचालक
पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री संचालक बोदला के हैं। इनमें मनोज अग्रवाल मैनेजर है और अनूप अग्रवाल मालिक। दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उनकी तलाश में रात में ही दबिश दी गई। इस खेल में और भी लोग शामिल हो सकते हैं।
एक कट्टे पर 600 रुपये की बचत
फैक्ट्री से हिरासत में लिए गए कर्मचारी ने बताया कि वाल पुट्टी का एक पैकेट ( कट्टा ) 100 रुपये में तैयार हो जाता है। इसे 700 रुपये में बेचा जाता था । नामी कंपनियां इसे 800 में बेचती हैं। एक बड़ी कंपनी का कट्टा तो 880 रुपये का है।
असली-नकली की पहचान मुश्किल
असली और नकली वाल पुट्टी देखने में एक जैसी है। इन्हें देखकर पहचान कर पाना मुश्किल है। लोग नकली को असली समझकर ले जाते हैं। यह ज्यादा टिकती नहीं है। जल्द ही दीवार पर पपड़ी उखड़ने लगती हैं। नकली सीमेंट टिकाऊ कम होता है।
दो दुकानों पर नकली कीटनाशक बेचते पकड़ा
खंदौली। एक नामचीन कंपनी के नाम पर किसानों को नकली कीटनाशक बेचकर ठगे जाने का मामला सामने आया है। मंगलवार को कंपनी के अधिकारियों ने थाना पुलिस के साथ मुड़ी चौराहा स्थित खाद और बीज की दुकानों पर छापामार कार्यवाही की। इस दौरान दो दुकानों पर बड़ी मात्रा में नकली दवा बरामद की गई है। पुलिस ने दोनों दुकानदारों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
महाराष्ट्र मुंबई स्थित फायर क्रोपटायम कंपनी सब्जियों में लगने वाले कीड़ों को मारने के लिए फेम नाम से दवा बनाती है। बाजार में नकली दवा की बिक्री को रोकने के लिए कंपनी ने दिल्ली की फायरेस्टी कंट्रोल सिस्टम कंपनी को जिम्मा दे रखा है। इस कंपनी के आपरेशन मैनेजर अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि उन्हें एक सप्ताह पूर्व सर्वे के दौरान पता चला था कि मुड़ी चौराहा पर फेम के नाम से नकली दवा बेची जा रही है। इस पर उन्होंने थाना पुलिस ने साथ अटल खाद बीज भंडार और अमन ट्रेडर्स पर छापा मारा। छापे के दौरान अटल खाद बीज भंडार की दुकान से नकली फेम की 29 शीशी सौ ग्राम की और दो शीशी 50 ग्राम की। वहीं अमन ट्रेडर्स से 27 शीशी सौ ग्राम और दो शीशी 50 ग्राम की बरामद हुईं। कार्रवाई के दौरान भीड़ का लाभ उठाकर दोनों दुकानदार भाग गए। आपरेशन मैनेजर अशोक शर्मा ने दोनों दुकानदारों के खिलाफ थाना खंदौली में मामला दर्ज कराया है।