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इंसानियत शर्मसार : फिरोजाबाद में परिजनों को नहीं मिली एंबुलेंस, बाइक पर ले गए बच्ची का शव
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, फिरोजाबाद
Published by: Abhishek Saxena
Updated Thu, 04 Mar 2021 07:53 AM IST
बाइक पर शव ले जाते परिजन
- फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जनपद में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिली। बालिका के शव को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे परिजनों को स्वास्थ्य विभाग एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं करा सका। परिजन बाइक पर रखकर शव को सरकारी ट्रॉमा सेंटर से पोस्टमार्टम हाउस तक ले गए।
फिरोजाबाद के नारखी थाना क्षेत्र के गांव बरतरा निवासी हरीशंकर की छह वर्षीय पुत्री दिव्या एक मार्च को सड़क पार करते समय कार की चपेट में आने से घायल हो गई थी। उसका निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था। हरीशंकर ने बताया कि मंगलवार रात दिव्या की हालत खराब होने पर चिकित्सकों ने उसे आगरा रेफर करने की बात कही। बुधवार सुबह करीब चार बजे वह दिव्या को लेकर आगरा पहुंचे। यहां चिकित्सकों ने उसको भर्ती करने से मना करते हुए घर ले जाने की बात कही। सुबह करीब छह बजे वह दिव्या को लेकर सरकारी ट्रॉमा सेंटर आए। यहां चिकित्सकों ने दिव्या को मृत घोषित करते हुए शव ले जाने की बात कह दी। लेकिन एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं कराई। इस पर वह बाइक पर ही शव को सरकारी ट्रॉमा सेंटर से पोस्टमार्टम हाउस पर लेकर पहुंचे। अस्पताल में शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस तक की व्यवस्था नहीं थी।
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मामला संज्ञान में आने पर कार्यवाहक सीएमएस डॉ. आलोक कुमार खुद सरकारी ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि परिवारीजन स्टाफ के बिना संज्ञान के बालिका के शव को ले गए थे।
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जनपद में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिली। बालिका के शव को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे परिजनों को स्वास्थ्य विभाग एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं करा सका। परिजन बाइक पर रखकर शव को सरकारी ट्रॉमा सेंटर से पोस्टमार्टम हाउस तक ले गए।
फिरोजाबाद के नारखी थाना क्षेत्र के गांव बरतरा निवासी हरीशंकर की छह वर्षीय पुत्री दिव्या एक मार्च को सड़क पार करते समय कार की चपेट में आने से घायल हो गई थी। उसका निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था। हरीशंकर ने बताया कि मंगलवार रात दिव्या की हालत खराब होने पर चिकित्सकों ने उसे आगरा रेफर करने की बात कही। बुधवार सुबह करीब चार बजे वह दिव्या को लेकर आगरा पहुंचे। यहां चिकित्सकों ने उसको भर्ती करने से मना करते हुए घर ले जाने की बात कही। सुबह करीब छह बजे वह दिव्या को लेकर सरकारी ट्रॉमा सेंटर आए। यहां चिकित्सकों ने दिव्या को मृत घोषित करते हुए शव ले जाने की बात कह दी। लेकिन एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं कराई। इस पर वह बाइक पर ही शव को सरकारी ट्रॉमा सेंटर से पोस्टमार्टम हाउस पर लेकर पहुंचे। अस्पताल में शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस तक की व्यवस्था नहीं थी।
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मामला संज्ञान में आने पर कार्यवाहक सीएमएस डॉ. आलोक कुमार खुद सरकारी ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि परिवारीजन स्टाफ के बिना संज्ञान के बालिका के शव को ले गए थे।