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आगरा। डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में गुरुवार को हुई कार्य परिषद की बैठक में पीएचडी मुद्दे पर चर्चा हुई। इसके बाद एमफिल पास छात्रों को पीएचडी में सीधे प्रवेश देने पर सहमति बन गई। हालांकि अभी इस पर शासन की मुहर लगना बाकी है।
गुरुवार को कुलपति कार्यालय में सुबह साढ़े 11 बजे शुरू हुई कार्य परिषद की बैठक में पीएचडी और बंद कोर्सों पर चर्चा हुई। कुलपति प्रो. मुजम्मिल और सांसद रामशंकर कठेरिया की मौजूदगी में हुई बैठक में सदस्यों के बीच पीएचडी को लेकर काफी बहस हुई। बाद में एमफिल पास छात्रों को पीएचडी में सीधे प्रवेश देने पर सहमति बन गई। हालांकि प्रवेश सिर्फ उन छात्रों को दिया जाएगा, जिन्होंने एमफिल में प्रवेश परीक्षा देकर एडमिशन लिया हो। मंजूरी के लिए प्रस्ताव शासन के पास भेजा जाएगा। वहां से हरी झंडी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
इसके अलावा बंद कोर्सेज शुरू करने के मुद्दे पर सदस्यों ने अपनी अलग-अलग राय रखी। इस पर एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया। इसमें कुलपति द्वारा नामित सदस्य होंगे जो इन कोर्सों पर पड़ताल कर अपनी राय रखेेंगे। वहीं 2009 और उससे पहले की पीएचडी थीसिस को यूजीसी भेजने का निर्णय भी लिया गया। इस संबंध में परिषद के सभी सदस्यों ने अपनी सहमति जता दी। बैठक में रजिस्ट्रार बीके पांडे, प्रो. राजेंद्र शर्मा, समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. अशरफ, वीके सिंह, डॉ. प्रदीप श्रीधर, आरबीएस कॉलेज के प्राचार्य टीआर चौहान आदि मौजूद रहे।
रिजल्ट परीक्षा परिणाम पर नहीं हुई बात
30 जून तक रिजल्ट घोषित करने की विश्वविद्यालय प्रशासन की योजना फेल हो गई है। अब तक किसी भी पाठ्यक्रम का रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है। गुरुवार को कार्यपरिषद की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई। गौर हो कि इससे पहले हुई कार्यपरिषद की बैठक के बाद कुलपति प्रो. मुजम्मिल ने खुद 30 जून से पहले रिजल्ट घोषित होने का दावा किया था।
आगरा। डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में गुरुवार को हुई कार्य परिषद की बैठक में पीएचडी मुद्दे पर चर्चा हुई। इसके बाद एमफिल पास छात्रों को पीएचडी में सीधे प्रवेश देने पर सहमति बन गई। हालांकि अभी इस पर शासन की मुहर लगना बाकी है।
गुरुवार को कुलपति कार्यालय में सुबह साढ़े 11 बजे शुरू हुई कार्य परिषद की बैठक में पीएचडी और बंद कोर्सों पर चर्चा हुई। कुलपति प्रो. मुजम्मिल और सांसद रामशंकर कठेरिया की मौजूदगी में हुई बैठक में सदस्यों के बीच पीएचडी को लेकर काफी बहस हुई। बाद में एमफिल पास छात्रों को पीएचडी में सीधे प्रवेश देने पर सहमति बन गई। हालांकि प्रवेश सिर्फ उन छात्रों को दिया जाएगा, जिन्होंने एमफिल में प्रवेश परीक्षा देकर एडमिशन लिया हो। मंजूरी के लिए प्रस्ताव शासन के पास भेजा जाएगा। वहां से हरी झंडी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
इसके अलावा बंद कोर्सेज शुरू करने के मुद्दे पर सदस्यों ने अपनी अलग-अलग राय रखी। इस पर एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया। इसमें कुलपति द्वारा नामित सदस्य होंगे जो इन कोर्सों पर पड़ताल कर अपनी राय रखेेंगे। वहीं 2009 और उससे पहले की पीएचडी थीसिस को यूजीसी भेजने का निर्णय भी लिया गया। इस संबंध में परिषद के सभी सदस्यों ने अपनी सहमति जता दी। बैठक में रजिस्ट्रार बीके पांडे, प्रो. राजेंद्र शर्मा, समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. अशरफ, वीके सिंह, डॉ. प्रदीप श्रीधर, आरबीएस कॉलेज के प्राचार्य टीआर चौहान आदि मौजूद रहे।
रिजल्ट परीक्षा परिणाम पर नहीं हुई बात
30 जून तक रिजल्ट घोषित करने की विश्वविद्यालय प्रशासन की योजना फेल हो गई है। अब तक किसी भी पाठ्यक्रम का रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है। गुरुवार को कार्यपरिषद की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई। गौर हो कि इससे पहले हुई कार्यपरिषद की बैठक के बाद कुलपति प्रो. मुजम्मिल ने खुद 30 जून से पहले रिजल्ट घोषित होने का दावा किया था।