आगरा। जयपुर के साहित्य उत्सव का विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि आगरा में होने वाला इसी तरह का कार्यक्रम विवादों के घेरे में आ गया। आयोजकों की आपसी अनबन के चलते ऐन वक्त पर कार्यक्रम स्थल बदलना पड़ा। अब साहित्य उत्सव सेंट पीटर्स की बजाय दिल्ली पब्लिक स्कूल, शास्त्रीपुरम में होगा।
मंगलवार को ताज लिटरेचर फेस्टिवल समिति ने सेंट पीटर्स कॉलेज में साहित्य उत्सव की स्मारिका का विमोचन किया। इसके बाद प्रायोजकों के होर्डिंग डिस्प्ले की बात उठी। फादर जॉन फरेरा ने कॉलेज में होेर्डिंग लगाने में असमर्थता जताई। फेस्टिवल डायरेक्टर अशोक जैन सीए और प्रोड्यूसर हरविजय वाहिया इससे असहमत थे। बस यहीं से विवाद शुरू हो गया और अंत कार्यक्रम स्थल के बदलाव पर हुआ। ऐन वक्त पर कार्यक्रम स्थल बदलने के कारण आयोजकों पर दबाव आ गया है। वहीं, करीब दो महीने पहले से की जा रही तैयारियां अचानक गड़बड़ा गई हैं।
फादर जॉन फरेरा ने स्टेज के बैकड्रॉप पर प्रायोजकों के नाम आने पर आपत्ति जताई, जबकि ऐसा करना मुमकिन नहीं है क्योंकि आयोजन में प्रायोजकों की बड़ी भूमिका है। फादर से असहमति के कारण कार्यक्रम स्थल बदल दिया गया है।
अशोक जैन सीए, फेस्टिवल डायरेक्टर, हरविजय सिंह वाहिया, फेस्टिवल प्रोड्यूसर
आयोजक कॉलेज में प्रायोजकों के एड लगाना चाह रहे थे। मैंने ऐसा करने से मना किया क्योंकि स्कूल में ऐसा किया जाना नियमों का उल्लंघन है। इस बात को उन्होंने अस्वीकार कर दिया। इसलिए आयोजन के लिए मना करना पड़ा।
फादर जॉन फरेरा, सेंट पीटर्स कॉलेज
झगड़े की जड़ कहीं डीपीएस तो नहीं!
क्या फादर जॉन फरेरा पहले इस बात से अनभिज्ञ थे कि आयोजन के दौरान समिति किस तरह से फंड जुटाएगी। वह भी तब, जब वह इस समिति के सलाहकार बोर्ड में शामिल थे। कहीं इसकी वजह स्मारिका के कवर और लास्ट पेज पर छपा डीपीएस का लोगो तो नहीं है। जबकि फरेरा के कॉलेज का नाम मुख्य पृष्ठ पर नीचे अंकित किया गया है।
आगरा। जयपुर के साहित्य उत्सव का विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि आगरा में होने वाला इसी तरह का कार्यक्रम विवादों के घेरे में आ गया। आयोजकों की आपसी अनबन के चलते ऐन वक्त पर कार्यक्रम स्थल बदलना पड़ा। अब साहित्य उत्सव सेंट पीटर्स की बजाय दिल्ली पब्लिक स्कूल, शास्त्रीपुरम में होगा।
मंगलवार को ताज लिटरेचर फेस्टिवल समिति ने सेंट पीटर्स कॉलेज में साहित्य उत्सव की स्मारिका का विमोचन किया। इसके बाद प्रायोजकों के होर्डिंग डिस्प्ले की बात उठी। फादर जॉन फरेरा ने कॉलेज में होेर्डिंग लगाने में असमर्थता जताई। फेस्टिवल डायरेक्टर अशोक जैन सीए और प्रोड्यूसर हरविजय वाहिया इससे असहमत थे। बस यहीं से विवाद शुरू हो गया और अंत कार्यक्रम स्थल के बदलाव पर हुआ। ऐन वक्त पर कार्यक्रम स्थल बदलने के कारण आयोजकों पर दबाव आ गया है। वहीं, करीब दो महीने पहले से की जा रही तैयारियां अचानक गड़बड़ा गई हैं।
फादर जॉन फरेरा ने स्टेज के बैकड्रॉप पर प्रायोजकों के नाम आने पर आपत्ति जताई, जबकि ऐसा करना मुमकिन नहीं है क्योंकि आयोजन में प्रायोजकों की बड़ी भूमिका है। फादर से असहमति के कारण कार्यक्रम स्थल बदल दिया गया है।
अशोक जैन सीए, फेस्टिवल डायरेक्टर, हरविजय सिंह वाहिया, फेस्टिवल प्रोड्यूसर
आयोजक कॉलेज में प्रायोजकों के एड लगाना चाह रहे थे। मैंने ऐसा करने से मना किया क्योंकि स्कूल में ऐसा किया जाना नियमों का उल्लंघन है। इस बात को उन्होंने अस्वीकार कर दिया। इसलिए आयोजन के लिए मना करना पड़ा।
फादर जॉन फरेरा, सेंट पीटर्स कॉलेज
झगड़े की जड़ कहीं डीपीएस तो नहीं!
क्या फादर जॉन फरेरा पहले इस बात से अनभिज्ञ थे कि आयोजन के दौरान समिति किस तरह से फंड जुटाएगी। वह भी तब, जब वह इस समिति के सलाहकार बोर्ड में शामिल थे। कहीं इसकी वजह स्मारिका के कवर और लास्ट पेज पर छपा डीपीएस का लोगो तो नहीं है। जबकि फरेरा के कॉलेज का नाम मुख्य पृष्ठ पर नीचे अंकित किया गया है।