लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Agra News ›   बच्चों के संकट हरेगी सकट चौथ

बच्चों के संकट हरेगी सकट चौथ

Agra Updated Wed, 30 Jan 2013 05:30 AM IST
आगरा। बच्चों के संकट हरने वाली सकट चौथ का सभी माताएं आस्था के साथ पूजन करेंगी। शाम को चंद्रोदय के बाद माताएं अपना व्रत खोलेंगी।

संतान के सुख व दीर्घायु की कामना के लिए सकट चौथ का व्रत रखा जाता है। गणेश जी को तिलकुट का भोग लगाया जाता है। ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय के अनुसार गणपति बच्चों को दीर्घायु, कुशाग्र बुद्धि देते हैं। उन्होंने बताया कि एक पट्टे पर पीला वस्त्र बिछाकर गुड़ से सकट चौथ बनाई जाती हैं। हल्दी से श्री गणेश की आकृति बनाई जाती है। हल्दी चावल से पूजन कर तिलकुट व लड्डुओं का भोग लगाया जाता है। सभी माताएं गजानन की कहानी सुनती हैं। पूजा के बाद बायना निकाला जाता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद महिलाएं व्रत खोलती हैं।

अक्को गद्दी के दिनेश गुरु के अनुसार 30 जनवरी को राजयोग में सकट चौथ का पूजन बेहद शुभ है। रात 9:07 मिनट पर चंद्रोदय होगा। शाम के समय गणेश जी की आरती के बाद गरीबों को अन्न व वस्त्र का दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।


संस्कृत मनीषी चंदन लाल पाराशर के अनुसार सुबह 11:30 बजे के बाद चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगी। सकट चौथ का शुद्ध शब्द संकष्ट चतुर्थी है।

गणपति ने हरा था चंद्रमा का संकट
प्राचीन गणेश मंदिर, गोकुलपुरा के महंत ज्ञानेश शास्त्री ने बताया कि चंद्रमा गणपति के रूप का मजाक उड़ाता था। इस पर गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया था कि चौथ पर तुम्हारा दर्शन निषेध होगा। जब चंद्रमा ने विनय की तब विघ्न विनाशक ने कहा कि सकट चौथ पर माताएं तुम्हारा दर्शन कर ही व्रत खोलेंगी।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Election

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed