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आगरा। सिंचाई विभाग और उसके कर्मचारियों को टोरंट ने जोर का झटका दिया है। टोरंट की ओर से सभी कर्मचारियों के घरों की गत एक माह से बिजली काट दी गई है। अफसरों को भी नहीं बख्शा गया है। उनके यहां भी 25 जनवरी से बिजली गुल है।
आम उपभोक्ताओं के साथ टोरंट पावर लिमिटेड ने अब सरकारी विभागों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। नया मामला सिंचाई विभाग का है। दिसंबर में बिजली खपत के लिए विभाग को 3,64,329 लाख रुपये का बिल जारी किया गया है। टोरंट के मुताबिक अधीक्षण अभियंता के कार्यालय में जून में 416, जुलाई में 416, अगस्त में 416, सितंबर में 0, अक्तूबर में 53,414 और नवंबर में 9,130 यूनिट बिजली खर्च की गई।
बिल की प्रति देखकर विभागीय अधिकारियों के होश उड़ गए। अधीक्षण अभियंता कुणाल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि कार्यालय में औसतन चार से पांच सौ यूनिट बिजली खपत होती है। टोरंट ने की ओर से बिल में घालमेल किया गया है। विभागीय स्तर से बिजली कंपनी को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है।
आगरा। सिंचाई विभाग और उसके कर्मचारियों को टोरंट ने जोर का झटका दिया है। टोरंट की ओर से सभी कर्मचारियों के घरों की गत एक माह से बिजली काट दी गई है। अफसरों को भी नहीं बख्शा गया है। उनके यहां भी 25 जनवरी से बिजली गुल है।
आम उपभोक्ताओं के साथ टोरंट पावर लिमिटेड ने अब सरकारी विभागों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। नया मामला सिंचाई विभाग का है। दिसंबर में बिजली खपत के लिए विभाग को 3,64,329 लाख रुपये का बिल जारी किया गया है। टोरंट के मुताबिक अधीक्षण अभियंता के कार्यालय में जून में 416, जुलाई में 416, अगस्त में 416, सितंबर में 0, अक्तूबर में 53,414 और नवंबर में 9,130 यूनिट बिजली खर्च की गई।
बिल की प्रति देखकर विभागीय अधिकारियों के होश उड़ गए। अधीक्षण अभियंता कुणाल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि कार्यालय में औसतन चार से पांच सौ यूनिट बिजली खपत होती है। टोरंट ने की ओर से बिल में घालमेल किया गया है। विभागीय स्तर से बिजली कंपनी को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है।