एटा। जिले के पारंपरिक आयोजन जिला कृषि एवं औद्योगिक विकास प्रदर्शनी (नुमाइश) में इस बार भी एक करोड़ पांच लाख रुपये से रंग बिखरेंगे। प्रदर्शनी आयोजन के ठेके को लेकर हुई बैठक में सोमवार को नरेंद्र उपाध्याय ने एक करोड़ पांच लाख एक हजार रुपये की बोली लगाकर ठेका अपने नाम किया।
दरअसल, जिले में हर साल आयोजित होने वाली जिला कृषि एवं औद्योगिक विकास प्रदर्शनी में दो साल पहले तक महज 50-60 लाख रुपये में ठेका दिया जाता था। जिसके तहत ठेकेदार प्रदर्शनी स्थल पर लाइट, टेंट, दुकानें और पांडाल की व्यवस्थाओं को अंजाम देते थे। पिछले साल नुमाइश को लेकर सबसे ऊंची एक करोड़ 20 लाख रुपये की बोली लगाई गई थी। इस बार भी प्रशासन ने प्रदर्शनी आयोजन को लेकर दो जनवरी से 25 जनवरी तक की तिथि तय की। इसके बाद छह दिसंबर को बोली प्रक्रिया कराई गई। प्रशासन ने बोली की शुरुआत एक करोड़ 20 लाख रुपये से की। जिसमें आवेदन करने वाली छहों फर्म ने असमर्थता जताई। सोमवार को एक बार फिर से नीलामी प्रक्रिया को लेकर बैठक बुलाई गई। जिसमें डीएम की मौजूदगी में एक करोड़ रुपये से बोली की शुरुआत की। इस दौरान नरेंद्र उपाध्याय ने एक करोड़ पांच लाख एक हजार रुपये लगाकर बोली अपने नाम कर ली। नुमाइश की ऊंची बोली को लेकर लोगों को अच्छे आयोजन की उम्मीद है। साथ ही महंगाई में इजाफा होने की संभावना है। उधर, ठेका प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रशासन ने दो जनवरी से आयोजन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। बैठक में डीएम आईपी पांडेय, एडीएम प्रशासन धर्मेंद्र सिंह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट महेंद्र सिंह तंवर, अनिल उपाध्याय, मेधाव्रत शास्त्री, बंटी यादव, रिंकू दुबे समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
पिछले साल भी ऊंची बोली
नुमाइश को लेकर लगाई गई एक करोड़ पांच लाख एक हजार रुपये की बोली को बेशक पिछले साल के मुकाबले कम आंका जा रहा है। लेकिन यह पिछले साल से ऊंची है, क्योंकि पिछले साल एक करोड़ 20 लाख में जीएसटी शामिल किया गया था। मगर इस बार बोली में जीएसटी अलग से देय होगा।
कार्यक्रम संयोजक हुए सक्रिय
नुमाइश आयोजन को बोली प्रक्रिया होने के बाद कार्यक्रम संयोजक सक्रिय हो गए हैं। संयोजकों ने अपने-अपने कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर आवेदन करने की तैयारी कर ली है।
एटा। जिले के पारंपरिक आयोजन जिला कृषि एवं औद्योगिक विकास प्रदर्शनी (नुमाइश) में इस बार भी एक करोड़ पांच लाख रुपये से रंग बिखरेंगे। प्रदर्शनी आयोजन के ठेके को लेकर हुई बैठक में सोमवार को नरेंद्र उपाध्याय ने एक करोड़ पांच लाख एक हजार रुपये की बोली लगाकर ठेका अपने नाम किया।
दरअसल, जिले में हर साल आयोजित होने वाली जिला कृषि एवं औद्योगिक विकास प्रदर्शनी में दो साल पहले तक महज 50-60 लाख रुपये में ठेका दिया जाता था। जिसके तहत ठेकेदार प्रदर्शनी स्थल पर लाइट, टेंट, दुकानें और पांडाल की व्यवस्थाओं को अंजाम देते थे। पिछले साल नुमाइश को लेकर सबसे ऊंची एक करोड़ 20 लाख रुपये की बोली लगाई गई थी। इस बार भी प्रशासन ने प्रदर्शनी आयोजन को लेकर दो जनवरी से 25 जनवरी तक की तिथि तय की। इसके बाद छह दिसंबर को बोली प्रक्रिया कराई गई। प्रशासन ने बोली की शुरुआत एक करोड़ 20 लाख रुपये से की। जिसमें आवेदन करने वाली छहों फर्म ने असमर्थता जताई। सोमवार को एक बार फिर से नीलामी प्रक्रिया को लेकर बैठक बुलाई गई। जिसमें डीएम की मौजूदगी में एक करोड़ रुपये से बोली की शुरुआत की। इस दौरान नरेंद्र उपाध्याय ने एक करोड़ पांच लाख एक हजार रुपये लगाकर बोली अपने नाम कर ली। नुमाइश की ऊंची बोली को लेकर लोगों को अच्छे आयोजन की उम्मीद है। साथ ही महंगाई में इजाफा होने की संभावना है। उधर, ठेका प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रशासन ने दो जनवरी से आयोजन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। बैठक में डीएम आईपी पांडेय, एडीएम प्रशासन धर्मेंद्र सिंह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट महेंद्र सिंह तंवर, अनिल उपाध्याय, मेधाव्रत शास्त्री, बंटी यादव, रिंकू दुबे समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
पिछले साल भी ऊंची बोली
नुमाइश को लेकर लगाई गई एक करोड़ पांच लाख एक हजार रुपये की बोली को बेशक पिछले साल के मुकाबले कम आंका जा रहा है। लेकिन यह पिछले साल से ऊंची है, क्योंकि पिछले साल एक करोड़ 20 लाख में जीएसटी शामिल किया गया था। मगर इस बार बोली में जीएसटी अलग से देय होगा।
कार्यक्रम संयोजक हुए सक्रिय
नुमाइश आयोजन को बोली प्रक्रिया होने के बाद कार्यक्रम संयोजक सक्रिय हो गए हैं। संयोजकों ने अपने-अपने कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर आवेदन करने की तैयारी कर ली है।