लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय का कटऑफ इस बार पिछले वर्षों की तुलना में काफी अच्छा गया है। आईएससी, सीबीएसई के साथ यूपी बोर्ड के 12वीं का रिजल्ट बहुत अच्छा होने की वजह से ऐसा हुआ है। लविवि में अगर पहली बार फाइनल मेरिट इंडेक्स ने 100 प्रतिशत का आंकड़ा छुआ है तो इसमें यूपी बोर्ड की टॉपर अर्जिता वर्मा की इंटरमीडिएट में की गई मेहनत है। इस छात्रा के इंटरमीडिएट में 96.8 प्रतिशत अंक हैं लेकिन नॉर्मलाइजेशन के बाद इनका अंक प्रतिशत 100 पहुंच गया। इसी तरह बीकॉम ऑनर्स के टॉपर अभिषेक गुप्ता के यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट में 94.400 प्रतिशत अंक हैं लेकिन नॉर्मलाइजेशन के बाद इनका अंक प्रतिशत 97.521 पहुंच गया। इसी तरह आईएससी व सीबीएसई के अभ्यर्थियों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है।
लविवि के प्रवेश समन्वयक प्रो. एनके खरे कहते हैं कि इस बार मेरिट इंडेक्स काफी ऊपर गया है। टॉपर्स की पहली चॉइस लविवि ही है और एक-एक सीट पर दाखिले के लिए काफी कड़ा मुकाबला है। फाइनल मेरिट इंडेक्स में 0.1 प्रतिशत से लेकर 0.5 प्रतिशत अंक तक में रैंक में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। उधर, अगर लविवि के कटऑफ की तुलना पिछले वर्षों से की जाए तो भी इस बार जो अभ्यर्थी आए हैं, उनका परफॉर्मेंस काफी अच्छा है। सभी कोर्सेज का कटऑफ यानी न्यूनतम प्रतिशत पर चयनित अभ्यर्थी का अंक प्रतिशत भी पिछले वर्षों की तुलना में ज्यादा है। बीए ऑनर्स में इस बार यूपी बोर्ड का कटऑफ 88 प्रतिशत है। पिछले साल यह मात्र 78 प्रतिशत ही था। इसी तरह आईएससी बोर्ड में 88.3 है जो पिछले साल 80 प्रतिशत था। वहीं सीबीएसई में इस बार यह कटऑफ 88.3 है जो पिछले साल 80.2 था। बीएससी मैथ्स में इस बार यूपी बोर्ड का कटऑफ 94.2, आईएससी का 94.3 और सीबीएसई का 95.4 प्रतिशत है जो पिछले साल क्रमश: 84.4, 87 व 87 प्रतिशत था। इसी तरह बीएससी बायो का कटऑफ यूपी बोर्ड में 89.1 प्रतिशत, आईएससी में 88.9 प्रतिशत और सीबीएसई में 88.5 प्रतिशत है जो पिछले साल क्रमश: 80.8, 83 व 83.4 प्रतिशत था। अच्छे अंक पाकर इस बार छात्रों ने कटऑफ को काफी ऊंचा कर दिया है। लविवि ने इस बार चयनित अभ्यर्थियों की जो लिस्ट तैयार की है, उसे अभ्यर्थी के मेरिट और उसकी फर्स्ट चॉइस के आधार पर बनाया गया है। ऐसे में मेरिट के अनुसार अभ्यर्थी ने इस बार खुद तय किया कि वह कौन से कोर्स में पढ़ना चाहता है। यही कारण है कि एलएलबी ऑनर्स और बीकॉम ऑनर्स जैसे कोर्सेज में काफी कड़ा मुकाबला है। इसमें एक-एक नंबर पर मेरिट में काफी अंतर है।
अच्छी मेरिट के दम पर आरक्षित वर्ग ने दी कड़ी चुनौती
लविवि में इस बार स्नातक कक्षाओं में दाखिले के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को ओबीसी व एससी कैटेगरी के अभ्यर्थियों ने अच्छी मेरिट के दम पर कड़ी चुनौती दी है। यूपी बोर्ड में इंटरमीडिएट की टॉपर अर्जिता वर्मा के 96.8 प्रतिशत अंक थे मगर नॉर्मलाइजेशन के बाद उनका अंक प्रतिशत 100 तक पहुंच गया। पहली बार लविवि के फाइनल मेरिट इंडेक्स को 100 के आंकड़े तक पहुंचाने वाले यह छात्रा ओबीसी वर्ग की है। इसी तरह बीकॉम ऑनर्स में टॉप पर रहे अभिषेक गुप्ता का फाइनल कटऑफ 97.521 है। बीबीए टूरिज्म में टॉप पर अजय मौर्या हैं और इनका कटऑफ 84.504 प्रतिशत है। जिन कोर्सेज का कटऑफ अभी जारी हुआ है, अगर उनमें संख्या के आधार पर सेलेक्टेड अभ्यर्थियों को देखा जाए तो आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी ही हावी हैं। उन्होंने अच्छी मेरिट होने के कारण ओपन कैटेगरी में भी अच्छी सीटें झटक ली हैं। बीएससी मैथ्स की सेलेक्टेड लिस्ट में चौथे और पांचवे नंबर पर क्रमश: श्वेता वर्मा 98.554 और यामिनी 98.14 कटऑफ के साथ हैं। वहीं, बीकॉम की सेलेक्टेड सूची में दसवें नंबर पर 95.93 प्रतिशत फाइनल मेरिट इंडेक्स के साथ एससी कैटेगरी की छात्रा रश्मि चौधरी हैं। बीसीए में तीसरे नंबर पर ओबीसी के गौरव गुप्ता 93.182 प्रतिशत फाइनल कटऑफ के साथ तीसरे नंबर पर हैं। इसी तरह बीए ऑनर्स में तीसरे नंबर पर 94.8 प्रतिशत फाइनल इंडेक्स के साथ विजय कुमार गुप्ता हैं और चौथे नंबर 92.975 प्रतिशत के साथ अमित कुमार चक्रवर्ती हैं। इस बार इंटरमीडिएट के यूपी बोर्ड, आईएससी और सीबीएसई का रिजल्ट अच्छा गया है और उसमें आरक्षित कैटेगरी के छात्रों ने अच्छे नंबर पाने में कामयाबी हासिल की है। इसका सीधा असर लविवि की सेलेक्टेड लिस्ट पर भी पड़ा है। लविवि के प्रवेश समन्वयक प्रो. एनके खरे कहते हैं कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को पछाड़ा है।
चॉइस और मेरिट से ही बनी है सूची
लविवि में स्नातक कक्षाओं में दाखिले के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी सेलेक्टेट लिस्ट जारी होने के बाद से भ्रम में हैं। उन्हें लग रहा है कि उनके नीचे की मेरिट के अभ्यर्थी को एडमिशन मिल गया और वे दाखिले से वंचित हो गए हैं। इसे लेकर अभ्यर्थी लविवि कैंपस में चक्कर काट रहे हैं। इस बार लविवि प्रशासन ने छात्रों की सहूलियत को ध्यान में रखकर ऑफ कैंपस ऑनलाइन काउंसलिंग की व्यवस्था की है। इसके तहत अभ्यर्थी को उसकी मेरिट और फर्स्ट चॉइस के आधार पर तैयार की गई फर्स्ट सेलेक्टेड लिस्ट में शामिल किया गया है। लविवि के प्रवेश समन्वयक प्रो. एनके खरे ने बताया कि जो सूची तैयार की गई है वह नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले के तहत ही तैयार की गई है। इसमें अभ्यर्थी के बोर्ड में अंक प्रतिशत को 100 से गुणा करके संबंधित बोर्ड के टॉपर से भाग दिया गया है। इसके बाद जिन अभ्यर्थियों के बोर्ड अंक प्रतिशत में स्पोर्ट्स, एनसीसी आदि का वेटेज जोड़ा गया है, वह भी दर्शाया गया है। प्रो. खरे ने कहा कि हमने जो सूची जारी की है, उसमें अभ्यर्थी के फाइनल मेरिट इंडेक्स के बाद बोर्ड का नाम इसलिए नहीं लिखा क्योंकि नॉर्मलाइजेशन के बाद वे समकक्ष हो गए। उन्होंने बताया कि पहली बार हुई इस व्यवस्था को समझने में अभ्यर्थी शायद हड़बड़ा गए।
अब 13 तक जमा कर सकेंगे फीस
लविवि में बीएससी की सेलेक्टेड लिस्ट में जिन अभ्यर्थियों का नाम है, उन्हें ई-चालान, क्रेडिट-डेबिट कार्ड से फीस जमा करने की सुविधा दी गई है। तकनीकी गड़बड़ी के कारण बुधवार को अभ्यर्थियों का ई-चालान ही जनरेट नहीं हुृआ। ऐसे में अभ्यर्थी अपनी फीस जमा नहीं कर पाए। लविवि प्रशासन ने फीस जमा करने की तारीख 13 जुलाई तक कर दी है। प्रोविजनल मेरिट लिस्ट 14 की जगह 16 जुलाई को जारी की जाएगी।
ऐसे हल करें अपनी समस्या
एलएलबी ऑनर्स में टॉपर अर्जिता वर्मा का मेरिट इंडेक्स 100 प्रतिशत है तो इस कोर्स के कटऑफ के अनुसार जनरल कैटेगरी में 86.869 प्रतिशत, ओबीसी में 77.479 प्रतिशत और एससी में 69.028 प्रतिशत तक अंक पाने वाले अभ्यर्थी फर्स्ट सेलेक्टेड लिस्ट में हैं। इसमें किसी भी तरह का वेटेज नहीं जोड़ा गया है। अगर किसी को क्षैतिज आरक्षण मिला है तो उसका चयनित सूची में अंक प्रतिशत और कम होगा। यही कारण है कि सेलेक्टेड लिस्ट में 58.182 प्रतिशत अंक वाले अभ्यर्थी हैं। इन्हें अपनी कैटेगरी का आरक्षण मिला और फिर अगर यह विवि शिक्षक व कर्मचारी के बच्चे हैं या फिर अन्य कोटे से उनकी सीटें अलग आवंटित हैं तो वह काफी कम अंक होने पर भी सेलेक्ट हो गए। चूंकि, इस बार पूरी सेलेक्टेड लिस्ट निकल रही है, इसलिए अभ्यर्थी थोड़ा भ्रमित हैं मगर इस प्रक्रिया में उन्हें कहीं कोई नुकसान नहीं हुआ है।
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय का कटऑफ इस बार पिछले वर्षों की तुलना में काफी अच्छा गया है। आईएससी, सीबीएसई के साथ यूपी बोर्ड के 12वीं का रिजल्ट बहुत अच्छा होने की वजह से ऐसा हुआ है। लविवि में अगर पहली बार फाइनल मेरिट इंडेक्स ने 100 प्रतिशत का आंकड़ा छुआ है तो इसमें यूपी बोर्ड की टॉपर अर्जिता वर्मा की इंटरमीडिएट में की गई मेहनत है। इस छात्रा के इंटरमीडिएट में 96.8 प्रतिशत अंक हैं लेकिन नॉर्मलाइजेशन के बाद इनका अंक प्रतिशत 100 पहुंच गया। इसी तरह बीकॉम ऑनर्स के टॉपर अभिषेक गुप्ता के यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट में 94.400 प्रतिशत अंक हैं लेकिन नॉर्मलाइजेशन के बाद इनका अंक प्रतिशत 97.521 पहुंच गया। इसी तरह आईएससी व सीबीएसई के अभ्यर्थियों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है।
लविवि के प्रवेश समन्वयक प्रो. एनके खरे कहते हैं कि इस बार मेरिट इंडेक्स काफी ऊपर गया है। टॉपर्स की पहली चॉइस लविवि ही है और एक-एक सीट पर दाखिले के लिए काफी कड़ा मुकाबला है। फाइनल मेरिट इंडेक्स में 0.1 प्रतिशत से लेकर 0.5 प्रतिशत अंक तक में रैंक में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। उधर, अगर लविवि के कटऑफ की तुलना पिछले वर्षों से की जाए तो भी इस बार जो अभ्यर्थी आए हैं, उनका परफॉर्मेंस काफी अच्छा है। सभी कोर्सेज का कटऑफ यानी न्यूनतम प्रतिशत पर चयनित अभ्यर्थी का अंक प्रतिशत भी पिछले वर्षों की तुलना में ज्यादा है। बीए ऑनर्स में इस बार यूपी बोर्ड का कटऑफ 88 प्रतिशत है। पिछले साल यह मात्र 78 प्रतिशत ही था। इसी तरह आईएससी बोर्ड में 88.3 है जो पिछले साल 80 प्रतिशत था। वहीं सीबीएसई में इस बार यह कटऑफ 88.3 है जो पिछले साल 80.2 था। बीएससी मैथ्स में इस बार यूपी बोर्ड का कटऑफ 94.2, आईएससी का 94.3 और सीबीएसई का 95.4 प्रतिशत है जो पिछले साल क्रमश: 84.4, 87 व 87 प्रतिशत था। इसी तरह बीएससी बायो का कटऑफ यूपी बोर्ड में 89.1 प्रतिशत, आईएससी में 88.9 प्रतिशत और सीबीएसई में 88.5 प्रतिशत है जो पिछले साल क्रमश: 80.8, 83 व 83.4 प्रतिशत था। अच्छे अंक पाकर इस बार छात्रों ने कटऑफ को काफी ऊंचा कर दिया है। लविवि ने इस बार चयनित अभ्यर्थियों की जो लिस्ट तैयार की है, उसे अभ्यर्थी के मेरिट और उसकी फर्स्ट चॉइस के आधार पर बनाया गया है। ऐसे में मेरिट के अनुसार अभ्यर्थी ने इस बार खुद तय किया कि वह कौन से कोर्स में पढ़ना चाहता है। यही कारण है कि एलएलबी ऑनर्स और बीकॉम ऑनर्स जैसे कोर्सेज में काफी कड़ा मुकाबला है। इसमें एक-एक नंबर पर मेरिट में काफी अंतर है।
अच्छी मेरिट के दम पर आरक्षित वर्ग ने दी कड़ी चुनौती
लविवि में इस बार स्नातक कक्षाओं में दाखिले के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को ओबीसी व एससी कैटेगरी के अभ्यर्थियों ने अच्छी मेरिट के दम पर कड़ी चुनौती दी है। यूपी बोर्ड में इंटरमीडिएट की टॉपर अर्जिता वर्मा के 96.8 प्रतिशत अंक थे मगर नॉर्मलाइजेशन के बाद उनका अंक प्रतिशत 100 तक पहुंच गया। पहली बार लविवि के फाइनल मेरिट इंडेक्स को 100 के आंकड़े तक पहुंचाने वाले यह छात्रा ओबीसी वर्ग की है। इसी तरह बीकॉम ऑनर्स में टॉप पर रहे अभिषेक गुप्ता का फाइनल कटऑफ 97.521 है। बीबीए टूरिज्म में टॉप पर अजय मौर्या हैं और इनका कटऑफ 84.504 प्रतिशत है। जिन कोर्सेज का कटऑफ अभी जारी हुआ है, अगर उनमें संख्या के आधार पर सेलेक्टेड अभ्यर्थियों को देखा जाए तो आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी ही हावी हैं। उन्होंने अच्छी मेरिट होने के कारण ओपन कैटेगरी में भी अच्छी सीटें झटक ली हैं। बीएससी मैथ्स की सेलेक्टेड लिस्ट में चौथे और पांचवे नंबर पर क्रमश: श्वेता वर्मा 98.554 और यामिनी 98.14 कटऑफ के साथ हैं। वहीं, बीकॉम की सेलेक्टेड सूची में दसवें नंबर पर 95.93 प्रतिशत फाइनल मेरिट इंडेक्स के साथ एससी कैटेगरी की छात्रा रश्मि चौधरी हैं। बीसीए में तीसरे नंबर पर ओबीसी के गौरव गुप्ता 93.182 प्रतिशत फाइनल कटऑफ के साथ तीसरे नंबर पर हैं। इसी तरह बीए ऑनर्स में तीसरे नंबर पर 94.8 प्रतिशत फाइनल इंडेक्स के साथ विजय कुमार गुप्ता हैं और चौथे नंबर 92.975 प्रतिशत के साथ अमित कुमार चक्रवर्ती हैं। इस बार इंटरमीडिएट के यूपी बोर्ड, आईएससी और सीबीएसई का रिजल्ट अच्छा गया है और उसमें आरक्षित कैटेगरी के छात्रों ने अच्छे नंबर पाने में कामयाबी हासिल की है। इसका सीधा असर लविवि की सेलेक्टेड लिस्ट पर भी पड़ा है। लविवि के प्रवेश समन्वयक प्रो. एनके खरे कहते हैं कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को पछाड़ा है।
चॉइस और मेरिट से ही बनी है सूची
लविवि में स्नातक कक्षाओं में दाखिले के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी सेलेक्टेट लिस्ट जारी होने के बाद से भ्रम में हैं। उन्हें लग रहा है कि उनके नीचे की मेरिट के अभ्यर्थी को एडमिशन मिल गया और वे दाखिले से वंचित हो गए हैं। इसे लेकर अभ्यर्थी लविवि कैंपस में चक्कर काट रहे हैं। इस बार लविवि प्रशासन ने छात्रों की सहूलियत को ध्यान में रखकर ऑफ कैंपस ऑनलाइन काउंसलिंग की व्यवस्था की है। इसके तहत अभ्यर्थी को उसकी मेरिट और फर्स्ट चॉइस के आधार पर तैयार की गई फर्स्ट सेलेक्टेड लिस्ट में शामिल किया गया है। लविवि के प्रवेश समन्वयक प्रो. एनके खरे ने बताया कि जो सूची तैयार की गई है वह नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले के तहत ही तैयार की गई है। इसमें अभ्यर्थी के बोर्ड में अंक प्रतिशत को 100 से गुणा करके संबंधित बोर्ड के टॉपर से भाग दिया गया है। इसके बाद जिन अभ्यर्थियों के बोर्ड अंक प्रतिशत में स्पोर्ट्स, एनसीसी आदि का वेटेज जोड़ा गया है, वह भी दर्शाया गया है। प्रो. खरे ने कहा कि हमने जो सूची जारी की है, उसमें अभ्यर्थी के फाइनल मेरिट इंडेक्स के बाद बोर्ड का नाम इसलिए नहीं लिखा क्योंकि नॉर्मलाइजेशन के बाद वे समकक्ष हो गए। उन्होंने बताया कि पहली बार हुई इस व्यवस्था को समझने में अभ्यर्थी शायद हड़बड़ा गए।
अब 13 तक जमा कर सकेंगे फीस
लविवि में बीएससी की सेलेक्टेड लिस्ट में जिन अभ्यर्थियों का नाम है, उन्हें ई-चालान, क्रेडिट-डेबिट कार्ड से फीस जमा करने की सुविधा दी गई है। तकनीकी गड़बड़ी के कारण बुधवार को अभ्यर्थियों का ई-चालान ही जनरेट नहीं हुृआ। ऐसे में अभ्यर्थी अपनी फीस जमा नहीं कर पाए। लविवि प्रशासन ने फीस जमा करने की तारीख 13 जुलाई तक कर दी है। प्रोविजनल मेरिट लिस्ट 14 की जगह 16 जुलाई को जारी की जाएगी।
ऐसे हल करें अपनी समस्या
एलएलबी ऑनर्स में टॉपर अर्जिता वर्मा का मेरिट इंडेक्स 100 प्रतिशत है तो इस कोर्स के कटऑफ के अनुसार जनरल कैटेगरी में 86.869 प्रतिशत, ओबीसी में 77.479 प्रतिशत और एससी में 69.028 प्रतिशत तक अंक पाने वाले अभ्यर्थी फर्स्ट सेलेक्टेड लिस्ट में हैं। इसमें किसी भी तरह का वेटेज नहीं जोड़ा गया है। अगर किसी को क्षैतिज आरक्षण मिला है तो उसका चयनित सूची में अंक प्रतिशत और कम होगा। यही कारण है कि सेलेक्टेड लिस्ट में 58.182 प्रतिशत अंक वाले अभ्यर्थी हैं। इन्हें अपनी कैटेगरी का आरक्षण मिला और फिर अगर यह विवि शिक्षक व कर्मचारी के बच्चे हैं या फिर अन्य कोटे से उनकी सीटें अलग आवंटित हैं तो वह काफी कम अंक होने पर भी सेलेक्ट हो गए। चूंकि, इस बार पूरी सेलेक्टेड लिस्ट निकल रही है, इसलिए अभ्यर्थी थोड़ा भ्रमित हैं मगर इस प्रक्रिया में उन्हें कहीं कोई नुकसान नहीं हुआ है।